ABC NEWS: शास्त्रों में पितृपक्ष के महत्व को विस्तार से गया है. बता दें कि पितृ पक्ष की अवधि में पितरों के लिए श्राद्ध कर्म, तर्पण और पिंडदान इत्यादि कर्म किए जाते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पितृ पक्ष में श्राद्ध कर्म इत्यादि करने से व्यक्ति को भी सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है. लेकिन ज्योतिष शास्त्र में पितृ पक्ष और पितरों से संबंधित नियमों के विषय में भी बताया गया है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पितरों की कुछ चीजों को उनकी मृत्यु के बाद भूलकर भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. आइए जानते हैं-
पितरों के इन चीजों का भूल कर भी ना करें इस्तेमाल
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पितरों के गहनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इसकी जगह उन गहनों से नया गहना बनवा लें और फिर उसको उपयोग में लाएं. पुराने गहने पहनने से पितर नाराज हो सकते हैं और पितृ दोष का भय बढ़ जाता है.
शास्त्रों में यह भी बताया गया है की मृत व्यक्ति के कपड़ों का इस्तेमाल परिवार के सदस्यों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए. बल्कि इन्हें किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दान कर देना चाहिए. पितरों के कपड़ों का इस्तेमाल करने से पितृ दोष का सामना करना पड़ सकता है.
साथ ही मृतक व्यक्ति के घड़ी का इस्तेमाल परिवार के सदस्यों द्वारा भूलकर भी नहीं करना चाहिए. यह भी पितृ दोष का कारण बन सकता है. इसलिए मृतक व्यक्ति की घड़ी किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दान कर दें या मिट्टी में दबा दें.
पितृपक्ष में ना करें यह कार्य
पितृपक्ष की अवधि में किसी भी नई चीज की खरीदारी भूल कर भी नहीं करनी चाहिए. इस दौरान तामसिक भोजन से भी परहेज करना चाहिए. पितृपक्ष में पीतल, तांबा या अन्य धातु के बर्तनों का प्रयोग ही शुभ माना जाता है. जबकि लोहे के बर्तन में खाना नहीं पकाना चाहिए.
प्रस्तुति: भूपेंद्र तिवारी