ABC News: बिहार के छपरा में ज़हरीली शराब से मरने वालों की संख्या बढ़कर 30 हो चुकी है. मामला छपरा सारण के इसुआपुर थाना क्षेत्र का है. अभी भी कई लोग अस्पताल में भर्ती हैं. बताया जा रहा है कि कुछ लोग स्थानीय स्तर पर चोरी से इलाज करा रहे हैं. इस पर भाजपा और नीतीश कुमार एक-दूसरे पर हमलावर हो गए हैं. भाजपा के हमलों का जवाब खुद नीतीश कुमार दे रहे हैं.
#WATCH जहरीली शराब से शुरू से लोग मरते हैं, इससे अन्य राज्यों में भी लोग मरते हैं। लोगों को सचेत रहना चाहिए क्योंकि जब शराब बंदी है तो खराब शराब मिलेगी ही। जो शराब पियेगा वो मरेगा। इस पर पूरी तरह से एक्शन होगा: जहरीली शराब से छपरा में 30 लोगों की मृत्यु पर बिहार CM नीतीश कुमार pic.twitter.com/kPwt0jJv1Z
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 15, 2022
नीतीश कुमार ने ज़हरीली शराब से हुई मौत पर आज फिर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा, “भाजपा सरकार से बाहर गई है, इसलिए इतना आक्रामक है. देश भर में लोग जहरीली शराब से मरते हैं. बिहार में शराबबंदी से पहले भी मौतें भी होती थीं. जो शराब पिएगा, वह मरेगा ही.” आपको बता दें कि आज जब नीतीश कुमार विधानसभा पहुंचे तो भाजपा के नेता पोर्टिको में उनके ख़िलाफ़ नारेबाज़ी कर रहे थे.
मैंने अधिकारियों को कहा है कि गरीबों को न पकड़ें जो लोग इसका व्यवसाय कर रहे हैं उन्हें पकड़ें। शराब बंदी कानून से कई लोगों को फायदा हुआ है कई लोगों ने शराब छोड़ दी है: जहरीली शराब से छपरा में 30 लोगों की मृत्यु पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पटना pic.twitter.com/YqIMBAfFK4
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 15, 2022
बिहार बीजेपी के अध्यक्ष संजय जयसवाल ने आज इस पर कहा, “जब तक बड़े पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक शराबबंदी को लागू नहीं किया जा सकता है. इसमें नीतीश कुमार का वेस्टेड इंटरेस्ट (निहित स्वार्थ) है. पहले भी शराब की वजह से लोगों की मौत हुई है. बचाव के लिए केवल छोटे अधिकारियों पर कार्रवाई होता है. नीतीश कुमार का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है. अगर वह दिल्ली आए तो हम उनका इलाज करवा सकते हैं.”
मैं मानता हूं कि जहरीली शराब की वजह से दूसरे राज्यों में भी लोग मर सकते हैं। आपने(नीतीश कुमार) बिहार में जब शराबबंदी लागू करने का निर्णय लिया, तो फिर कैसे इतनी बड़ी संख्या में लोग मर रहे हैं, इतनी बड़ी संख्या में लोग जेल कैसे जा रहे हैं?: BJP सांसद सुशील मोदी, दिल्ली https://t.co/rKAqg5OdXT pic.twitter.com/Prd9ssmJnk
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 15, 2022
वहीं राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि ज़हरीली शराब से मौत को लेकर भाजपा का शोर दरअसल सत्ता से निष्कासित होने की बेचैनी का इज़हार है. शराब को लेकर एक राष्ट्रीय नीति बननी चाहिए. गुजरात में शराबबंदी है, लेकिन वहां शराब की होम डिलीवरी है. अभी इसी वर्ष जुलाई में ज़हरीली शराब से वहां 57 लोगों की मृत्यु हो गई. कई अंधे हो गए. जबकि उस इलाक़े के लोगों ने पुलिस को एक बार नहीं कई बार अवैध ढंग से शराब की बिक्री की शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई और उसका नतीजा हुआ ज़हरीली शराब से 57 आदमी मौत के शिकार हो गए.
ये बिहार का दुर्भाग्य है। बिहार में जब से शराब नीति चली है तब से कई हजार लोग मर गए। मगर मुख्यमंत्री की संवेदना नहीं जगती और जब सदन में कोई इसको उठाता है तो उससे ऐसा व्यवहार करते हैं जो कोई उम्मीद नहीं करता: छपरा में जहरीली शराब से हुई मौतों पर केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह pic.twitter.com/MKpt9RRZJ4
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 15, 2022
शिवानंद तिवारी ने कहा कि गुजरात तो नरेंद्र भाई मोदी का राज्य है. लंबे समय तक वहां उनकी सरकार रही है. उनके शासन का वहां एक मॉडल बना था. उसी का शोर मचा कर वे दिल्ली की तख़्त पर आरूढ़ हो गए. अभी वहां विधानसभा चुनाव में उनको अभूतपूर्व समर्थन मिला. बावजूद इसके वहां अवैध शराब की होम डिलीवरी हो रही है. बिहार में जब शराबबंदी नहीं थी, उस समय भी अवैध ढंग से शराब बनाया जाता था. उससे भी मौतें होती थीं.