ABC NEWS: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए जारी कांग्रेस के घोषणापत्र में ‘बजरंग दल पर प्रतिबंध’ लगाने की बात कही गई है. कांग्रेस का घोषणा पत्र जारी होने के बाद से ही बजरंग दल और भाजपा इसका विरोध कर रहे हैं. बजरंग दल बैन पर घिरी कांग्रेस गुरुवार को डैमेज कंट्रोल मोड में दिखाई दी. पार्टी ने एक नया चुनावी वादा किया है. इसने कहा कि सत्ता में आने पर वह पूरे राज्य में हनुमान मंदिर बनवाएगी.
मैसूरु में चामुंडेश्वरी मंदिर जाने के बाद कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार ने मीडिया से बात की. इस दौरान उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी के सत्ता में आने पर राज्य भर में अंजनेय (भगवान हनुमान) मंदिरों के विकास के लिए हमारी प्रतिबद्धता है. हमारी पार्टी राज्य के विभिन्न हिस्सों में नए अंजनेय (भगवान हनुमान) मंदिरों के निर्माण को भी प्राथमिकता देगी.” कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख ने कहा, “हम अंजनाद्री हिल के विकास की देखरेख और इसके संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष बोर्ड की स्थापना करेंगे. हम भगवान अंजनेय के सिद्धांतों और मूल्यों के बारे में युवाओं को शिक्षित करने के उद्देश्य से विशिष्ट कार्यक्रम आयोजित करेंगे.”
शिवकुमार ने इस बात पर भी सवाल उठाया कि अंजनेय मंदिर क्यों नहीं बनाए गए और अंजनाद्री हिल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित क्यों नहीं किया गया. उन्होंने पूछा, “भाजपा सरकार ने कितने आंजनेय मंदिरों का निर्माण किया? मामले पर उनका रिकॉर्ड स्पष्ट नहीं है और हम दृढ़ता से मानते हैं कि राज्य के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक उत्थान के लिए आंजनेय की विरासत को बढ़ावा देना आवश्यक है. इसलिए, सत्ता में आने पर कांग्रेस पार्टी प्रत्येक तालुक में अंजनेया के नाम पर अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित करेगी ताकि उनकी शिक्षाओं के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके और अधिक से अधिक लोगों को उनके मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया जा सके.”
कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए घोषणापत्र जारी किया जिसमें उसने वादा किया है कि प्रदेश में जाति एवं धर्म के आधार पर ‘नफरत फैलाने’ के लिए बजरंग दल और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) जैसे संगठनों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की जाएगी. उसका कहना है कि ऐसे संगठनों को प्रतिबंधित करने की कार्रवाई भी हो सकती है.
कांग्रेस का घोषणापत्र जारी होने के बाद से ही देशभर में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं. हालांकि दक्षिणपंथी हिंदू संगठन के खिलाफ अपने रुख का बचाव करते हुए, कांग्रेस ने जोर देकर कहा कि वह उन व्यक्तियों और संगठनों की जांच करने के लिए प्रतिबद्ध है जो विभाजन के बीज बोते हैं और कहा कि उच्चतम न्यायालय ने भी ‘‘नफरत फैलाने वालों’’ के खिलाफ कार्रवाई का आह्वान किया है.