ABC News: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अडानी ग्रुप के खिलाफ मामले की जांच को लेकर एक ट्वीट किया तो इसको लेकर जमकर राजनीति हो रही है. ताजा घटनाक्रम में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार (08 अप्रैल) को इस मसले पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा है कि कोई बात नहीं अब हम अदालत में मिलेंगे.
It was our decency to have never asked you, on where have you concealed the proceeds of crime from the Bofors and National Herald Scams.
And how you allowed Ottavio
Quattrocchi to escape the clutches of Indian justice multiple times .
Any way we will meet in the Court of Law https://t.co/a9RGErUN1A— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) April 8, 2023
हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “यह हमारी शालीनता थी कि हमने आपसे कभी नहीं पूछा कि आपने बोफोर्स और नेशनल हेराल्ड घोटालों से अपराध की आय को कहां छुपाया है. आपने ओतावियो क्वात्रोची को कैसे अनुमति दी? क्वात्रोची कई बार भारतीय न्याय के शिकंजे से कैसे बच निकला. किसी भी तरह हम कोर्ट ऑफ लॉ में जरूर मिलेंगे.” इससे पहले राहुल गांधी ने ट्वीट किया था कि सच्चाई छुपाते हैं, इसलिए रोज भटकाते हैं! सवाल वही है – अडानी की कंपनियों में ₹20,000 करोड़ बेनामी पैसे किसके हैं? दरअसल राहुल गांधी ने अडानी मामलों को लेकर अपने ट्विटर पर एक ग्राफिक्स शेयर किया. इस ग्राफिक्स में उन्होंने गुलाम नबी आजाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया, एन किरण कुमार रेड्डी, हिमंत बिस्वा सरमा और अनिल एंटनी के नामों को शामिल किया और इन सभी नामों को मिलाकर उन्होंने अडानी लिखा था. इसको लेकर हिमंत बिस्वा सरमा हमलावर हो गए हैं.अडानी मामले को लेकर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल मोदी सरकार पर हमलावर हैं और सरकार पर अडानी को बचाने का आरोप लगा रहे हैं. कांग्रेस का दावा है कि अडानी की शेल कंपनियों में बीस हजार करोड़ रुपये का निवेश किया गया है, लेकिन सरकार यह बताने से कतरा रही है कि यह बीस हजार करोड़ रुपये किसके हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया है कि गौतम अडानी के चीनी नागरिकों के साथ बिजनेस रिलेशन हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता है.