ABC NEWS: शनिदेव को ज्योतिष शास्त्र में क्रूर ग्रह के रूप में देखा जाता है. यदि शनिदेव किसी व्यक्ति से रुष्ट हो जाएं तो उस व्यक्ति को अपने जीवन में अनेक तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. ऐसा नहीं है कि शनिदेव प्रत्येक व्यक्ति से नाराज रहते हैं. शनि देव कर्म के फल दाता माने जाते हैं, जो व्यक्ति जैसा कर्म करता है उसे उसके अनुरूप शुभ अशुभ परिणाम भोगने ही पड़ते हैं. शनिदेव की पूजा करने के लिए शनिवार का दिन समर्पित किया गया है. इस दिन आप शनिदेव के 5 मंत्रों का जाप कर उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं. आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से वे कौनसे 5 मंत्र हैं और उनके जाप की सही विधि.
शनि देव के मंत्र
1. शनि देव का महामंत्र
ओम निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥
2. शनि गायत्री मंत्र
ओम भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्
3. शनि देव का बीज मंत्र
ओम प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
4. शनि आरोग्य मंत्र
ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिहा।
कंकटी कलही चाउथ तुरंगी महिषी अजा।।
शनैर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन् पुमान्।
दुःखानि नाश्येन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखमं।।
5. शनि दोष निवारण मंत्र
ओम त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम।
उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात।।
ओम शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शंयोरभिश्रवन्तु नः।
ओम शं शनैश्चराय नमः।।
इस विधि से करें मंत्रों का उच्चारण
-शनिदेव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए शनिवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त हो जाएं.
-इसके बाद काले रंग के स्वच्छ वस्त्र धारण करें. काले रंग के कपड़े ना हो तो इससे मिलते-जुलते रंग जैसे ग्रे, बैंगनी, स्लेटी रंग के वस्त्र धारण करें.
-अब आसपास किसी शनि मंदिर जाकर शनि देव की पूजा कर उन्हें नीले रंग के फूल अर्पित करें. घर वापस आने के बाद कुश के आसान पर बैठकर ऊपर दिए मंत्रों का जाप करें. इससे शनि देव शांत होते हैं और जीवन में सुख-संपत्ति का आशीर्वाद पाते हैं.
प्रस्तुति : भूपेंद्र तिवारी