ABC NEWS: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सीबीआई के समन गुरुवार को जांच एजेंसी के सामने नहीं पेश हुए. दरअसल उन्हें खनन घोटाले में सीबीआई के समन पर पेश होना था. वैसे सीबीआई को उन्होंने पत्र के माध्यम से अपना उत्तर भेज दिया है. सूत्रों की माने तो सीबीआई को जांच में मदद करने का आश्वासन देने के साथ ही प्रश्न भी किया कि चुनाव से पहले आखिर उन्हें नोटिस क्यों भेजा गया? लखनऊ में या वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उन्होंने बयान दर्ज करने की बात भी अपने जवाब में लिखी है. सीबीआई को उन्होंने जवाब भेजने की पुष्टि खुद भी की है.
सूत्रों के अनुसार सीबीआई को अखिलेश यादव ने जो पत्र भेजा है उसमें प्रश्न किए हैं कि उन्हें नोटिस चुनाव से पहले क्यों भेजा गया है? उन्होंने पूछा कि पांच साल तक साल 2019 के बाद से उनसे कोई जानकारी क्यों नहीं मांगी गई? आखिरकार उनसे सीबीआई इस मामले में क्या जानकारी हासिल करना चाहती है. उन्हें जिसके लिए बतौर गवाह बुलाया गया है. अखिलेश यादव नें लखनऊ में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि सीबीआई का कागज आया था, मैंने जवाब दे दिया. पत्र में क्या लिखा है, नोटिस भेजने वाले से यह आप लोग पता करिए. हम लीक करने का काम नहीं, यह बीजेपी करती है. उन्होंने कहा कि इस समय सबसे ज्यादा कमजोर बीजेपी है. संवैधानिक संस्थाओं का वह अपने प्रकोष्ठ की जैसे इस्तेमाल करती है.
ध्यान दें कि सीबीआई ने बतौर गवाह अखिलेश यादव को बुलाया है, ऐसे में वो लखनऊ आकर भी पूछताछ कर सकती है. वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बयान दर्ज हो पाना मुश्किल माना जा रहा है. जानकारों के अनुसार अखिलेश को 15 दिन बाद सीबीआई फिर से नोटिस भेजकर तलब कर सकती है. हालांकि अखिलेश दिल्ली जाकर अगर जांच एजेंसी को अपना बयान दर्ज नहीं करवाते तो जांच अधिकारी उनका बयान लखनऊ आकर भी दर्ज कर सकते हैं. अगर सीबीआई को कोई नया तथ्य उनके बयान से मिलता है तो जांच को नया मोड़ मिल पाएंगा. सूत्रों के अनुसार अखिलेश से खनन पट्टों के आवंटन के संबंध में पंचम तल पर किए गये निर्णय पर प्रश्न पूछे जाने हैं.