ABC News: महंगाई पर नकेल कसने के लिए आरबीआई द्वारा लिए गए कड़े नीतिगत फैसलों के बाद 40 महीनों में पहली बार भारतीय बैंकिंग सिस्टम में नगदी की कमी हो गई है. इस हालात के बाद आरबीआई को बैंकिंग सिस्टम में 2.73 अरब डॉलर यानि 21800 करोड़ रुपये मंगलवार 20 सितंबर, 2022 को डालने पड़े हैं. मई 2019 के बाद ये पहला मौका है जब बैंकिंग सिस्टम में नगदी की कमी हुई है.
दरअसल 4 मई 2022 को आरबीआई ने महंगाई पर लगाम लगाने के लिए मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक में कैश रिजर्व रेशियो बढ़ाने का फैसला किया था. बैंकिंग सिस्टम में मौजूद अतिरिक्त नगदी को कम करने के मकसद से आरबीआई कैश रिजर्व रेशियो यानि सीआरआर में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर इसे 4 फीसदी से बढ़ाकर 4.50 फीसदी कर दिया. सीआरआर में बढ़ोतरी का फैसला 21 मई, 2022 से लागू हुआ था. इससे बैंकिंग सिस्टम में मौजूद 90,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त नगदी में कमी आ गई. दरअसल महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है. इसकी बड़ी वजह बाजार में मौजूदा ज्यादा नगदी को माना जा रहा है. यही वजह है कि बैंकों के पास मौजूदा ज्यादा नगदी को सोकने के लिए आरबीआई ने सीआरआर में 50 बेसिस प्वाइंट बढ़ाने का फैसला किया था. बैंकों को कुल जमा का 4.50 फीसदी रकम आरबीआई के पास सीआरआर के तौर पर जमा रखना पड़ रहा है. इससे बैंकिंग सिस्टम में मौजूदा अतिरिक्त नगदी घट गई है. बैंकों को अब सोच समझकर कर्ज उपलब्ध करा रहे हैं. आपको बता दें सीआरआर जो आरबीआई के पास बैंकों को रखना होता है उसपर आरबीआई बैंकों को ब्याज भी नहीं देती है. बैंकिंग सिस्टम में नगदी की कमी के बाद एक दिन के लिए कॉल मनी रेट्स बढ़कर 5.85 फीसदी पर जा पहुंचा है जो कि जुलाई, 2019 के बाद सबसे ज्यादा है.