ABC News : ( ट्विंकल यादव ) सूखा झेलने वाले उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड (Bundelkhand) को देश और दुनिया के पहले ‘जल विश्वविद्यालय’ की सौगात मिलने जा रही है. इस इलाके के हमीरपुर (Hamirpur) जिले में 25 एकड़ जमीन में जल विश्विद्यालय बनेगा, जिसमें जल्द ही देश-दुनिया के लोग जल संरक्षण का पाठ पढ़ने आएंगे. यह पहला विश्विद्यालय होगा, जहां छात्र और शोधार्थी जल की कमी से पैदा हो रही समस्याओं के लिए, पुरातन और आधुनिक तकनीकों के माध्यम से समाधान खोजेंगे. यहां यूजीसी के मानकों के मुताबिक स्नातक और परास्नातक के पाठ्यक्रम संचालित होंगे, जिसमें संरक्षण और जल संकट को कोर्स के रूप में जोड़ा जाएगा.
डॉ. चंद्रभूषण ने 30 अगस्त को भेजा था प्रस्ताव
प्रोफेसर रविकांत ने बताया कि यह पहला विश्वविद्यालय होगा जहां पर छात्र-छात्राएं जल की कमी से पैदा हो रही समस्याओं का एडवांस टैक्नोलॉजी से समाधान खोजेंगे. यहां पर यूजी के मानकों के अनुरूप ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे. इसमें जल संरक्षण और जल संकट को कोर्स के रूप में शामिल किया जाएगा. बता दें कि यह दुनिया का पहला जल विश्वविद्यालय होगा जहां पर जल संरक्षण का पाठ पढ़ाया जाएगा. हमीरपुर के पूर्व जिलाधिकारी डॉ. चंद्रभूषण ने इस यूनिवर्सिटी का प्रस्ताव 30 अगस्त को उच्च शिक्षा विभाग को भेज दिया था.
ये पांच कोर्स होंगे संचालित
जलवायु परिवर्तन के विशेषज्ञ प्रो. पाठक ने स्वीडन से बताया कि इस जल विवि में शिक्षा संकाय संचालित किया जाएगा. इसका प्रस्ताव तैयार है, जिसमें पांच कोर्स संचालित होंगे. इसमें जल विज्ञान, जल अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी, जल प्रबंधन, जल और मानविकी के साथ ही जल और अंतरिक्ष होंगे.
सरकार से अनुमति मिलने का इंतजार
जल योद्धा और पद्मश्री उमाशंकर पांडेय ने बताया कि बुंदेलखंड ही नहीं, धीरे-धीरे पूरी दुनिया में जल संकट बड़ी समस्या बनेगा, इसलिए जल संरक्षण को सीखना और जल संकट से आने वाली समस्याओं का समाधान खोजना जरूरी है. इसलिए दुनिया के पहले जल विश्वविद्यालय की स्थापना की पहल की जा रही है. शासन से अनुमति मिलते ही विवि खोल दिया जाएगा. सदियों से सूखे की मार झेल रहे बुंदेलखंड के हमीरपुर जिले में पहले जल विश्वविद्यालय खुलने से इस इलाके के लोगों के साथ देश और दुनिया के छात्रों को जल प्रबंधन की जानकारी और पढ़ाई का मौका मिलेगा.