ब्रिटिश अखबार ‘द टेलीग्राफ’ ने बांधे PM मोदी के नेतृत्व के तारीफों के पुल, कही ये बड़ी बात

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ABC NEWS: ब्रिटेन के अखबार द टेलीग्राफ में पीएम मोदी की लीडरशिप की जमकर तारीफ की गई है. ब्रिटिश लेखक बेन राइट द्वारा लिखे इस लेख में कहा गया है देश ने पीएम मोदी के शासन में राजनीतिक स्थिरता प्राप्त की है जिससे कानूनी प्रणालियों में सुधार और देश के बुनियादी ढांचे में सुधार का रास्ता साफ हुआ है.

लेख में पीएम मोदी द्वारा भारत को दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बनाने के वादे को एक यथार्थवादी लक्ष्य बताया गया है. राइट लिखते हैं, ‘मोदी ने हाल ही में ‘गारंटी’ दी कि अगर वह अगले साल का चुनाव जीतते हैं तो भारत उनके तीसरे कार्यकाल के अंत तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा. यह काफी यथार्थवादी लक्ष्य है. भारत की जीडीपी 3.7 ट्रिलियन डॉलर है और उसे 2029 तक -जर्मनी (4.2 ट्रिलियन ) और जापान (4.4 ट्रिलियन)- जैसे देशों को पीछे छोड़ने की जरूरत है, जो तेजी से आगे नहीं बढ़ रहे हैं.

2047 तक भारत विकसित राष्ट्र का लक्ष्य
लेख में कहा गया है, ‘लेकिन प्रधानमंत्री यह भी चाहते हैं कि भारत 2047 तक एक विकसित देश बन जाए, जिस वर्ष वह अपनी आजादी के 100 वर्ष पूरे करेगा. यह एक अत्यंत साहसिक महत्वाकांक्षा है. आईएमएफ के आंकड़ों के मुताबिक वार्षिक प्रति व्यक्ति आय आज के 2,601 डॉलर से बढ़कर 21,664 डॉलर हो जाएगी. भारतीय रिज़र्व बैंक ने गणना की है कि अर्थव्यवस्था को अगली तिमाही तक हर साल कम से कम 7.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने की आवश्यकता होगी, हालांकि यह एक ऐसी उपलब्धि है जो 1991 के आर्थिक सुधारों के बाद से केवल सात बार हासिल की गई और लगातार दो वर्षों से अधिक समय तक कभी नहीं हासिल की जा सकी.

पीएम मोदी के दो कार्यकालों का लेखा-जोखा
द टेली ग्राफ के लेख में कहा गया, ‘पीएम मोदी का पहला कार्यकाल कल्याणकारी योजनाओं को शुरू करने पर केंद्रित था, जैसे कि यह सुनिश्चित करना कि पूरे देश में बैंक खाते हों, जिसमें लाभ का भुगतान किया जा सके, सब्सिडी वाली रसोई गैस और सरकार द्वारा वित्त पोषित शौचालयों का निर्माण.‘

लेख के मुताबिक उनका दूसरा कार्यकाल वास्तव में व्यापार-समर्थक एजेंडे के लिए उल्लेखनीय रहा है. उन्होंने धन सृजन करने वालों की प्रशंसा की और फार्मास्यूटिकल्स, मोबाइल फोन और कारों सहित विनिर्माण क्षेत्रों में देश की क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन के लिए 2 ट्रिलियन रुपये का बजट रखा.

बेन राइट के मुताबिक, ‘एक समय बेहद अकुशल, नकदी आधारित अर्थव्यवस्था को बिजली की गति से 21वीं सदी में लाया जा रहा है. भारत के प्रधानमंत्री ने कॉरपोरेशन टैक्स को 35 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत कर दिया है और देश को अधिक विदेशी निवेश के लिए खोल दिया है. राष्ट्रव्यापी वस्तु एवं सेवा कर (GST) ने स्थानीय करों की आश्चर्यजनक श्रृंखला का स्थान ले लिया गया है.

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