ABC NEWS: यूपी में पिछले कुछ महीनों से सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाले माफिया अतीक अहमद का वार्ड यूपी निकाय चुनाव में संवेदनशील की श्रेणी में था. यहां से सपा-भाजपा के अलावा कई प्रत्याशी मैदान में थे. अतीक की हत्या के बाद हो रहे पहले चुनाव पर सभी की नजरें थीं. इलाके की कई बिल्डिंग पर योगी का बुलडोजर चल चुका था. ऐसे में माना जा रहा था कि भाजपा को यहां से सबसे ज्यादा समर्थन मिल सकता है. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. यहां से सपा ने बाजी मार ली है. सपा की जहां आरा ने भाजपा प्रत्याशी को करीब 2000 वोटों से हरा दिया है.
माफिया अतीक अहमद का घर चकिया के वार्ड 44 में स्थित है। घर ही नहीं अतीक का ससुराल भी इसी वार्ड में है. यहां से बीजेपी ने सरिता हेला को अपना उम्मीदवार बनाया था. समाजवादी पार्टी के नेता और निवर्तमान पार्षद आजम खां की पत्नी जहां आरा सपा के टिकट पर चुनाव मैदान में थी. माफिया के खिलाफ कार्रवाई के बाद यह सीट काफी चर्चा में आ गई थी. मतदाताओं का रुझान कांग्रेस की ओर बढ़ता दिख रहा था.
इससे अनुमान लगाया जा रहा था कि सपा-कांग्रेस की लड़ाई में भाजपा की प्रत्याशी जीत सकती हैं.
मतगणना शुरू होने के बाद पहले जहां आरा ने बढ़त बनाई थी, लेकिन दो राउंड की गणना के बाद अचानक भाजपा प्रत्याशी ने बढ़त बना ली थी. अंतिम परिणाम आते आते भाजपा की प्रत्याशी पिछड़ गईं और सपा की जहां आरा ने जीत दर्ज की. उन्होंने करीब दो हजार मतों से बीजपी को हराया। चकिया वार्ड से आजम खां लगातार चार बार से पार्षद का चुनाव जीत चुके हैं.
गौरतलब है कि उमेश पाल हत्याकांड में पुलिस रिमांड के दौरान अतीक अहमद और अशरफ की 15 अप्रैल को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उससे दो दिन पहले ही अतीक के बेटे असद को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था. अतीक की पत्नी शाइस्ता को भी उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी बनाया गया है. शाइस्ता पर 50 हजार का इनाम भी घोषित है.