ABC NEWS: त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड के चुनाव नतीजे भाजपा का उत्साह बढ़ाने वाले रहे हैं. 33 सीटों पर जीत के साथ वह एक बार फिर से त्रिपुरा में सरकार बनाने जा रही है तो वहीं नागालैंड में भी भगवा दल को पहली बार 12 सीटों पर जीत मिल गई है. यही नहीं मेघालय में भी उसने 3 सीटों पर जीत हासिल कर ली है. यही नहीं त्रिपुरा में अपने दम पर सरकार बनाने के अलावा भाजपा नागालैंड और मेघालय में सत्ताधारी गठबंधन का हिस्सा भी बन सकती है. इससे साफ है कि भाजपा के लिए ये चुनाव नतीजे मायने रखते हैं और पूर्वोत्तर में कमल खिल गया है.
दरअसल बीते कुछ सालों में भाजपा ने तेजी से पूर्वोत्तर में अपनी छाप छोड़ी है, जहां कभी उसकी मौजूदगी ना के समान थी. भाजपा की इस सफलता की शुरुआत 2016 में हुई थी, जब उसने असम में विधानसभा का चुनाव बड़े अंतर से जीता था और 15 सालों से कांग्रेस शासन का अंत कर दिया था. यह पूर्वोत्तर के किसी भी राज्य में भाजपा की पहली सरकार थी. इसी साल अरुणाचल प्रदेश के सीएम रहे पेमा खांडू ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था. इसके बाद मणिपुर में 2017 में भाजपा को जीत मिली और कांग्रेस के नेता रहे एन. बीरेन सिंह को उसने सीएम बना दिया.
पूर्वोत्तर में भाजपा के लिए अहम था साल 2018
यही नहीं अगला साल यानी 2018 तो और अहम रहा. इस साल भाजपा ने त्रिपुरा में 35 साल के कम्युनिस्ट शासन का अंत कर दिया और सरकार बना ली. पहली बार में ही बहुमत की सरकार भाजपा ने बनाई थी और बिप्लब देब को सीएम बनाया गया था. इसी साल भाजपा ने नागालैंड और मेघालय की सरकार में भागीदारी पा ली थी. फिर 2019 के विधानसभा चुनाव में अरुणाचल में भाजपा ने 60 में से 41 सीटों पर जीत हासिल कर ली थी. इस तरह भाजपा लगाार पूर्वोत्तर में आगे बढ़ती रही है.
असम, मणिपुर के बाद त्रिपुरा में भी रिपीट भाजपा सरकार
पीएम नरेंद्र मोदी की छवि, नीतियों और अन्य कई कारणों से भाजपा को पूर्वोत्तर में यह जीत मिली है. खासतौर पर ऐक्ट ईस्ट पॉलिसी के चलते पूर्वोत्तर के विकास और सरकार के फोकस ने भी लोगों को भाजपा की ओर आकर्षित किया है. खुद पीएम मोदी और होम मिनिस्टर अमित शाह भी अकसर इन छोटे लेकिन रणनीतिक रूप से अहम राज्यों का दौरा करते रहे हैं. यही वजह है कि असम में जब 2021 में चुनाव हुए तो भाजपा ने सत्ता में रिपीट किया और अब त्रिपुरा में भी अपनी सफलता को दोहराया है. इसके अलावा 2022 में मणिपुर में भी भाजपा ने दोबारा जीत हासिल की थी.