ABC NEWS: योगी आदित्यनाथ सरकार ने यूपी के आलू किसानों को बड़ी राहत देते हुए 650 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीद का ऐलान किया है. उत्तर प्रदेश राज्य औद्यानिक सहकारी विपणन संघ (हाफेड) पहले चरण में सात जिलों में क्रय केंद्र स्थापित करेगा. इसके साथ ही सरकार आलू के भंडारण को लेकर भी सतर्क है. प्रदेश के कोल्ड स्टोरेज संचालकों से भी कहा गया है कि भंडारण में कोई परेशानी न आने पाए.
पहले चरण में उन्नाव, कौशांबी, फर्रुखाबाद, बरेली, मैनपुरी, कासगंज और एटा यानी 7 जिलों में आलू क्रय केंद्र स्थापित कर खरीद शुरू करने का निर्देश दिया गया है. आलू के दाम गिरने से परेशान किसानों के लिए इसे बड़ी राहत बताया जा रहा है. हालांकि प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने इसे नाकाफी बताया है. सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने ट्वीट कर आलू का न्यूनतम मूल्य 1500 रुपए प्रति पैकेट करने की मांग की. उन्होंने लिखा-‘सरकार का 650 रुपये प्रति क्विंटल की दर से आलू खरीदने का फरमान नाकाफी है श्रीमान. 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बीज खरीदने वाले किसान के लिए यह समर्थन मूल्य मजाक है. सरकार को न्यूनतम 1500 रुपए प्रति पैकेट की दर से आलू की खरीद करनी चाहिए। कम से कम लागत तो दे दो सरकार.’
मिली जानकारी के अनुसार इस साल 6.94 लाख हेक्टेअर भू-भाग में आलू की बोआई हुई है. अनुमान है कि इस बार पैदावार भी 242 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा होगी लेकिन आलू की अच्छी पैदावार से किसानों को ज्यादा मुनाफा की बजाए दाम गिरने का नुकसान होने लगा. आलू रखने के लिए कोल्ड स्टोरेजों में जगह नहीं मिली तो यह सीधा मंडियों में पहुंचने लगा जिसके चलते इसकी कीमतें हद से अधिक गिर गईं. जानकारों का कहना है कि आलू की अगैती फसल कम होना भी इसका एक कारण रहा है.
किसानों की परेशानी को देखते हुए अब सरकार ने खरीद का रेट 650 रुपए प्रति क्विंटल तय करने का निर्णय लिया है. सरकार बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत उचित गुणवत्ता का आलू खरीदेगी. पहले चरण में उत्तर प्रदेश औद्यानिक सहकारी विपणन संघ (हाफेड) को प्रदेश के 7 जिलों में क्रय केंद्र स्थापित करने का आदेश दिया गया है.