लखनऊ हादसे पर बड़ा एक्शन, यजदान बिल्डर के सभी अवैध अपार्टमेंट पर चलेगा बुल्डोजर

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ABC NEWS: मंडलायुक्त डॉ रोशन जैकब ने लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि हजरतगंज के वजीरगंज हसन रोड पर बने अलाया अपार्टमेंट के गिरने पर उसके भवन मालिक मोहम्मद तारिक, नवाज़िश शाहिद तथा बिल्डर्स यजदान पर तत्काल मुकदमा पंजीकृत कराया जाए. मंडलायुक्त ने लखनऊ शहर में यजदान बिल्डर्स के द्वारा बनाई गई अन्य बिल्डिंगों का चिन्हाकन करके जांच करने के भी निर्देश दिए हैं. जांच में घटिया व अवैध निर्माण मिलने की स्थिति मे तत्काल ध्वस्तीकरण कराने को कहा है. एलडीए के अधिकारी व इंजीनियर बिल्डर की सभी संपत्तियों का ब्यौरा तलाश रहे हैं. उसने कहा कहां अपार्टमेंट बनाया है इसकी सूची तैयार की जा रही है. आज ही सभी की जांच कराई जाएगी.

अलाया अपार्टमेंट की इमारत भरभराकर ढह गई

हजरतगंज में वजीर हसन रोड पर स्थित पांच मंजिला अलाया अपार्टमेंट की इमारत भरभराकर ढह गई. इस हादसे में वहां रहने वाले 35-40 लोग फंस गये. चीख-पुकार के बीच एसडीआरएफ, पीएसी और पुलिस प्रशासन ने स्थानीय लोगों की मदद से 13 लोगों को बाहर निकाला. पांच लोगों को सिविल अस्पताल में भेजा गया है. एक बच्चे की हालत गंभीर है. खबर लिखे जाने तक इमारत के मलबे में 20 लोगों के फंसे होने की आशंका है. देर रात तक मलबा हटाने का काम जारी था. स्थिति को देखते हुए डीएम ने सेना को भी बुला लिया है.

सीएम ने लिया संज्ञान: वहीं मुख्यमंत्री ने इस घटना का संज्ञान लेते हुये अफसरों को राहत कार्य में कोई ढिलाई न करने को कहा. मुख्यमंत्री ने घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर जिला प्रशासन के अधिकारियों को उनके समुचित उपचार के निर्देश दिए. केजीएमयू से डॉक्टरों की एक टीम मौके पर पहुंच गई. साथ ही एक 20 से अधिक एम्बुलेंस भी मौके पर मौजूद रहीं.

रात नौ बजे तक सीएम के सूचना सलाहकार अवनीश अवस्थी, डीजीपी, पुलिस कमिश्नर, डीएम समेत कई पुलिस अधिकारी मौके पर डटे हुए थे. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने राहत कार्य का जायजा लिया. राहत कार्य के बाद इस हादसे की वजह पता करने के आदेश अफसरों को दिए. एसडीआरएफ के सेनानायक डॉ. सतीश कुमार ने बताया कि इमारत के मलबे से 13 लोगों को निकाला जा चुका है. राहत कार्य अभी लम्बा चलेगा। मलबा हटाने में काफी सावधानी बरती जा रही है ताकि उसमें फंसे किसी व्यक्ति की जान न जाए. रात साढ़े नौ बजे के करीब केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर प्रभारी डॉक्टर संदीप तिवारी की अगुवाई में पहुंची टीम राहत कर्मियों के साथ दबे हुए लोगों को प्राथमिक चिकित्सा देकर एम्बुलेंस तक पहुंचाने में मदद कर रही थी.

ब्लड बैंकों में हाईअलर्ट, सभी को मुफ्त इलाज

घटना के कुछ देर बाद ही डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक भी मौके पर पहुंच गए. यहां उन्होंने राहत कार्य का जायजा लिया. उन्होंने अपार्टमेंट गिरने की घटना को दुखद बताया. कहा कि घायलों को बचाने के तेजी से प्रयास किये जा रहे हैं. जेसीबी से मलबा हटाया जा रहा है. पुलिस, फायर व एनडीआरएफ के जवाब मुस्तैदी से लोगों को जीवित निकालने में जुटे हैं. उप मुख्यमंत्री ने कहा कि घटनास्थल पर स्वास्थ्य विभाग की कई टीमें लगाई गई हैं. जो घायलों को अस्पताल पहुंचाने में मदद कर रही हैं. हम लोग हर एक को जीवित बचाने में लगे हैं. अत्याधुनिक मशीनों को भी मंगाया गया है. ब्लड बैंकों को हाई अलर्ट कर दिया गया है. वरिष्ठ चिकित्सकों को अस्पताल में बने रहने का निर्देश दिए गए हैं.

कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ नेता जीशान हैदर के पिता सकुशल निकाले गए

कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता जीशान हैदर के पिता आमिर हैदर भी उसी इमारत में थे. शाम को जीशान किसी काम से बाहर निकले थे जब यह हादसा हुआ. आमिर हैदर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता हैं. हादसे के दौरान वह खुद उनकी पत्नी छोटा बेटा और आठ वर्षीय नाती मलबे में फंस गए।.आमिर हैदर और नवासे मुस्तफा को निकाले जाने की सूचना है. परिवार के शेष सदस्यों का पता नहीं लग पा रहा। जीशान हैदर खुद एम्बुलेंस के साथ पहचान के लिए मौके पर पहुंचे.

आंखों में आंसू, आंखों में उम्मीद की तलाश

आमिर हैदर के रिश्तेदार एमएम रिजवान अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ घटना स्थल पर खड़े थे. परिवार की महिलाओं के आंखों में आंसू और सब कुछ सही हो जाए,यह उम्मीद थी. छोटे बच्चों का हाथ कस के पकड़े हुए महिलाओं के चेहरे पर दर्द और दहशत साफ झलक रही थी. घटनास्थल पर एंबुलेंस की आवाजाही हो रही थी। जैसे ही कोई एम्बुलेंस रुकती और उसमें किसी को भेजा जाता, सभी बेचैन हो जाते.

शाम 6:30 बजे अचानक धमाके की आवाज के साथ ढही इमारत

आसपास के लोगों ने बताया कि घटना शाम 6:30 बजे की है। अचानक धमाके की आवाज आई. चारों ओर धूल का गुबार नजर आ रहा था। लोगों का कहना था कि इमारत के बेसमेंट में खुदाई चल रही थी. दोपहर भूकंप आने से संभवत: यह कमजोर हो गई और रात तक ढह गई.

कांपते हुए नंगे पांव सही सलामत निकल आई अधिवक्ता

एक महिला अधिवक्ता उसी बिल्डिंग में दबी थी. शुरुआती रेस्क्यू के दौरान ही अग्निशमन जवानों ने उसे मलबे के नीचे से निकाला. काला कोट और पैंट पहने महिला घबराहट में बुरी तरह कांप रही थी. थोड़ी दूरी पर खड़े रिश्तेदारों ने हाथ बढ़ाकर उसे खींचा. क्योंकि महिला को कोई गंभीर चोट नजर नहीं आ रही थी इसलिए एम्बुलेंस लेने से मना कर दिया. करीब 100 मीटर तक पैदल चलकर कार तक पहुंची. कार के पास पहुंचने के बाद परिवार के अन्य सदस्यों का जिक्र करते हुए फूट फूट कर रोने लगी. इसके बाद जैसे ही वापस जाने को हुई, अन्य रिश्तेदारों ने उसे पकड़कर रोका.

पड़ोस के अपार्टमेंट की दीवार काटकर निकाला गया

शुरुआत में रेस्क्यू करना सबसे कठिन था. बड़ी संख्या में लोग फंसे हुए थे। ऐसे में पड़ोस के अपार्टमेंट की दीवार काटकर अंदर फंसे कुछ लोगों को बाहर निकाला गया. स्थानीय लोगों ने बताया कि इस अपार्टमेंट में करीब 30-35 परिवार रह रहे थे. कई लोगों को बेसुध हालत में बाहर निकाला गया. खबर लिखे जाने तक राहत कार्य चल रहा था.

हाथ में मोबाइल थामे तमाशबीन बने मुसीबत

हादसे की जगह मीडिया कर्मी संवदेनशीलता के साथ एम्बुलेंस को रास्ता दे रहे थे. साथ ही जहां जरूरत थी लोगों की मदद कर रहे थे. दूसरी ओर हजारों की संख्या में तमाशबीन हाथ में मोबाइल कैमरा लिए अव्यवस्था का कारण बन गए. करीब 500 मीटर दूर प्राग नारायण रोड तक इन तमाशबीनों के वाहन आड़े तिरछे खड़े थे जिससे एम्बुलेंस निकलने में दिक्कत हो रही थी. पूरी सड़क इन तमाशबीनों की वजह से भरी हुई थी. ऐसे में जिन लोगों के परिवार हादसे का शिकार हुए वे भी नजदीक नहीं जा पा रहे थे. करीब साढ़े आठ बजे पुलिस का सब्र जवाब दे गया और फटकारते हुए तमाशबीनों को पीछे हटाया.

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