ABC News: पापुलर फ्रंट आफ इंडिया और उसके सहयोगी संगठनों पर पांच वर्ष का प्रतिबंध लगने के बाद अब उनके कार्यकर्ताओं व सक्रिय सदस्यों की गतिविधियों पर और कड़ी नजर रखी जाएगा. दुर्गा पूजा विसर्जन, दशहरा, दीपावली और आने वाले अन्य त्योहारों के दौरान पीएफआइ व सहयोगी संगठनों के गड़बड़ी करने की आशंका को देखते हुए यह निर्णय किया गया है. डीजीपी मुख्यालय ने गड़बड़ी की आशंका को अलर्ट जारी किया है और सभी जिलों में सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरते जाने के निर्देश दिए गए हैं.
पीएफआइ के सक्रिय सदस्यों की हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए खुफिया तंत्र को भी अलर्ट किया गया है. बीते दिनों जिन संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई थी, उनकी निगरानी के भी निर्देश दिए गए हैं. भारत सरकार की ओर से जारी अलर्ट को देखते हुए प्रदेश में भी पूरी सक्रियता बरती जा रही है. सूत्रों का कहना है कि लखनऊ, कानपुर, मेरठ समेत खासकर उन शहरों में जहां पीएफआइ की जड़ें गहरी रही हैं, वहां होने वाले आयोजनों के दौरान अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती किए जाने का निर्देश भी दिया गया है. वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा करने के साथ ही संवेदनशील जिलों में संदिग्धों की निगरानी बढ़ाने के निर्देश भी दिए गए हैं. कहीं किसी विवाद अथवा छोटी घटना को तूल देकर माहौल बिगाड़ने का प्रयास किए जाने की आशंका को देखते हुए इंटरनेट मीडिया पर भी निगरानी बढ़ाई गई है. किसी भी विवादित अथवा आपत्तिजनक पोस्ट पर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. खाड़ी देशों से हो रही फंडिंग की और कड़ियां जोड़ने के लिए पीएफआइ के सदस्यों व उनके करीबियों के बैंक खातों की भी छानबीन की जा रही है. हाथरस कांड में फंडिंग के मामले में पकड़े गए पीएफआइ के महासचिव केए रऊफ से पूछताछ में सबसे पहले शफीक का नाम व भूमिका भी सामने आई थी. केरल के कोझीकोड से गिरफ्तार किए जाने के बाद ईडी अब शफीक को दस दिनों की पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है. सूत्रों का कहना है कि इनसे पूछताछ में सामने आए तथ्यों के आधार पर जिला स्तर पर बनी कमेटियों से जुड़े कई संदिग्धों के बैंक खातों की भी छानबीन कराई जा रही है.