ABC NEWS: जौनपुर लोकसभा सीट से सांसद रहे जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव धनंजय सिंह को सात साल की सजा सुनाई गई है. इसके साथ ही 50 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है. अपहरण और रंगदारी के एक मामले में मंगलवार को MP-MLA कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिया था. उसके बाद उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया था. आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रहे धनंजय सिंह का सियासी भविष्य अब अंधेरे में नजर आ रहा है.
जानकारी के मुताबिक, 10 मई 2020 को जौनपुर के लाइन बाजार थाने में मुजफ्फरनगर निवासी नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने अपहरण और रंगदारी मांगने का आरोप लगाते हुए धनंजय सिंह और उनके साथी विक्रम पर केस दर्ज कराया था. पुलिस की दी गई तहरीर पर आरोप लगया गया था कि विक्रम अभिनव सिंघल का अपहरण कर पूर्व सांसद के आवास पर ले गया था.
साथियों! तैयार रहिए…
लक्ष्य बस एक लोकसभा 73 , जौनपुर#Election2024 pic.twitter.com/0UXtsAEzCZ— Dhananjay Singh (@MDhananjaySingh) March 2, 2024
वहां धनंजय सिंह पिस्टल लेकर आए और गालियां देते हुए उनको कम गुणवत्ता वाली सामग्री की आपूर्ति करने के लिए दबाव बनाया. उनके द्वारा इनकार करने पर धमकी देते हुए रंगदारी मांगी थी. इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने धनंजय सिंह और उनके सहयोगियों के खिलाफ केस दर्ज करके गिरफ्तार कर लिया था. हालांकि बाद में उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई थी.
बताते चलें कि धनंजय सिंह आगामी लोकसभा चुनाव में किस्मत आजमाने की तैयारी में हैं. इसकी पुष्टि उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी एक पोस्ट से की है. बीजेपी द्वारा उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी करने के बाद धनंजय सिंह की प्रतिक्रिया देखने को मिली थी. बीजेपी ने जौनपुर लोकसभा सीट से महाराष्ट्र के गृहमंत्री रहे कृपाशंकर सिंह को उम्मीदवार घोषित किया है.
इसके बाद धनंजय सिंह ने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्टर शेयर करते हुए लिखा था, “साथियों! तैयार रहिए… लक्ष्य बस एक लोकसभा 73, जौनपुर.” इसके साथ ही ‘जीतेगा जौनपुर-जीतेंगे हम’ के साथ अपनी फोटो भी शेयर की थी. वैसे ये अभी तक साफ नहीं हुआ है कि वो नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे या फिर निर्दल ताल ठोकेंगे.