KGMU में लगी एशिया की पहली पैथोजन रिडक्शन मशीन, CM योगी ने किया लोकार्पण

News

ABC News: लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय में मरीजों को अब ब्लड टेस्ट की हाईटेक सुविधा प्राप्त होगी. यूपी सरकार ने केजीएमयू लखनऊ के ब्राउन हाल में एशिया की पहली पैथोजन रिडक्शन मशीन लगवाई है. गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका लोकार्पण किया. उनके साथ उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण और किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर बिपिन पुरी की मौजूद थे. किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ब्लड बैंक में लगी इस मशीन से खून में बैक्टीरिया, वायरस या फिर किसी भी प्रकार के पैथोजन की पहचान करना बेहद आसान होगा.

मतलब इस मशीन के जरिए अब खून के हर कतरे के खतरे की जानकारी मिलेगी. इस प्रकार की एडवांस टेक्नोलॉजी की यह मशीन अब तक एशिया के किसी भी अस्पताल या चिकित्सा संस्थान में उपलब्ध नहीं है. इसके संचालन से देश भर के लोगों को लाभ होगा. सीएम योगी आदित्यनाथ इस मशीन के साथ ही केजीएमयू में गुरुवार को थोरैसिक सर्जरी और वैस्कुलर सर्जरी विभाग की शुरुआत भी गई है. ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत सर्जरी से लेकर डिलीवरी और ट्रांसप्लांट समेत अन्य प्रक्रियाओं में होती है. ब्लड ट्रांसफ्यूजन हमेशा ब्लड की सभी जरूरी जांच के बाद ही किया जाता है. पर इसके बावजूद ब्लड में कुछ अशुद्धियां रह जाती हैं, जिसकी वजह से जिसे ब्लड चढ़ाया जाता है, उसमें रिएक्शन या साइड इफेक्ट तक देखने को मिल सकते हैं, क्योंकि ब्लड में कई तरह के पैथाजन्स मौजूद होते हैं. ऐसे में पूरी तरह से शुद्ध ब्लड उपलब्ध कराना बेहद जरूरी होता है. इन अशुद्धियों को दूर करने के लिए केजीएमयू के ब्लड बैंक में पैथोजन रिडक्शन मशीन लगाई गई है. केजीएमयू के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग में आने वाले जरूरतमंद मरीजों को अब पहले के मुकाबले और भी अधिक शुद्ध ब्लड मिलेगा. यहां पर अमेरिका और यूरोप के ब्लड बैंकों में इस्तेमाल होने वाली लेटेस्ट टेक्नालॉजी वाली पैथोजन रिडक्शन मशीन का संचालन आज से प्रारंभ हो गया है. यह एशिया के किसी भी ब्लड बैंक में लगनी वाली अपनी तरह की पहली एडवांस मशीन है. इसकी मदद से ब्लड में मिलने वाले हानिकारक पैथाजन को हटाया जा सकता है. इसके सबसे अधिक फायदा ट्रांसप्लांट के मरीजों को मिलेगा. ब्लड में मौजूद पैथाजन को हटाने के लिए पैथोजन रिडक्शन किट आती है, जिसे इस मशीन में लगाया जाता है, जो सारे पैथाजन्स को हटा देखी और ब्लड को पूरी तरह से शुद्ध कर देगी.

ऐसे में जिस मरीज में भी ब्लड ट्रांसफ्यूजन होगा, उसमें रिएक्शन होने का खतरा करीब-करीब न के बराबर होगा, जिससे मरीज में सफलता की दर और अधिक बढ़ जायेगी. ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की एचओडी प्रो। तुलिका चंद्रा के मुताबिक, पैथोजन रिडक्शन मशीन एशिया के किसी भी देश में पहली बार लगाई गई है. जिसकी कीमत करीब 50 लाख रुपए है. ब्लड में वायरस के अलावा पैरासाइट या प्रोटोजोआ आदि भी रहते हैं, इसलिए जब यह ब्लड किसी मरीज में चढ़ाया जाता है, तो उनके शरीर में भी ये पहुंच जाते हैं, जिससे कई तरह के रिएक्शंस हो सकते हैं. जो ट्रांसप्लांट वाले मरीज होते हैं, उनकी इम्यूनिटी पहले से ही कमजोर होती है. ऐसे में छोटा सा भी इंफेक्शन उनके लिए खतरनाक होता है और ट्रांसफ्यूजन के समय यह खतरा सबसे अधिक होता है. जिसकी वजह से ट्रांसप्लांट तक रिजेक्ट होने की संभावना बढ़ जाती है. पैथाजन्स उन्हें कहते हैं जिनके कारण कई तरह की बीमारियां फैलती हैं. इसमें वायरस, बैक्टिरिया, फंगस और पैरासाइट्स आदि शामिल होते हैं. ये सूक्ष्म जीव किसी को भी बीमार कर सकते हैं और बॉडी के इम्यून सिस्टम को भी भेद सकते हैं. इनसे बचाव करना बेहद जरूरी है.

खबरों से जुड़े लेटेस्ट अपडेट लगातार हासिल करने के लिए आप हमें  Facebook, Twitter, Instagram पर भी ज्वॉइन कर सकते हैं … Facebook-ABC News 24 x 7 , Twitter- Abcnews.media Instagramwww.abcnews.media

You can watch us on :  SITI-85,  DEN-157,  DIGIWAY-157


For more news you can login- www.abcnews.media