ABC NEWS: देवरिया हत्याकांड में होने वाली कार्रवाई पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. साथ ही हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को भी फटकार लगाई है. हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद प्रेम यादव के मकान पर होने वाली बुलडोजर कार्रवाई फिलहाल अब नहीं की जाएगी. यह फैसला जस्टिस चंद्रकेश राय की अदालत ने सोमवार को दिया है. कोर्ट ने कहा है कि हम प्रेम यादव का परिवार ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के खिलाफ जिला मजिस्ट्रेट देवरिया की अदालत में दो सप्ताह के भीतर अपील करेगा. इसका निस्तारण तीन माह के भीतर करने का आदेश दिया गया है. बतादें कि देवरिया में छह लोगों की हत्या से पूरे प्रदेश दहल उठा था. जिसमें एक परिवार के अकेले पांच लोग ही मारे गए थे. इस घटना के बाद से यूपी की राजनीति में भी भूचाल आ गया था. मामला सीएम योगी के संज्ञान में पहुंचा तो उन्होंने तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए. इसके बाद जिला प्रशासन की ओर से प्रेम यादव के मकान पर बुलडोजर चलाने की तैयारी शुरू कर दी गई थी. इसके लिए मकान पर नोटिस भी चस्पा कराया गया था.
बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचा था प्रेम यादव का वकील
तहसीलदार के आदेश के बाद राजस्व विभाग की टीम ने प्रेम यादव के मकान को बुलडोजर से गिराने के लिए पैमाइश की थी. इसके बाद प्रेम यादव का वकील रुद्रपुर तहसीलदार के ध्वस्तीकरण के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंच गया था. प्रेम यादव के वकील अरुण यादव ने हाईकोर्ट में कार्रवाई के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिस पर सोमवार को हाईकोर्ट ने संज्ञान लेकर यूपी सरकार को फटकार लगाई. कोर्ट ने बेदखली आदेश के खिलाफ प्रेमचंद्र के परिवार को जिला मजिस्ट्रेट की अदालत में अपील दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है, जबकि डीएम को तीन महीने में अपील निस्तारित करने का आदेश दिया गया है.
क्या है पूरा घटनाक्रम
दो अक्टूबर को भूमि विवाद में रुद्रपुर कोतवाली क्षेत्र के फतेहपुर ग्राम पंचायत के लेड़हा टोले में अभयपुर टोला के रहने वाले पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद यादव की हत्या कर दी गई थी. इसके बाद प्रेमचंद यादव के परिजनों ने भीड़ के साथ पहुंच कर सत्यप्रकाश दूबे, उनकी पत्नी किरन, बेटी सलोनी और नंदनी तथा बेटे गांधी को मार डाला था. छह लोगों की एक साथ हत्या से सनसनी फैल गई थी. घटना में सत्यप्रकाश दूबे की बेटी शोभिता की तहरीर पर पुलिस ने प्रेमचंद यादव समेत 27 नामजद और 50 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज करते हुए मामले की छानबीन शुरू की.
क्या था तहसीलदार का आदेश
जारी आदेश में तहसीलदार ने लिखा था कि पैमाइश में पाया गया कि प्रेमचंद के पिता रामभवन यादव के कब्जे में वन भूमि गाटा संख्या 2742 के 0.5830 हेक्टेअर में से 0.0060 हेक्टेअर, खलिहान की भूमि गाटा संख्या 2725 के 0.0450 हेक्टेअर में से रकबा 0.0200 हेक्टेअर और नवीन परती गाटा संख्या 2726 के 0.200 हेक्टेअर में से रकबा 0.0060 हेक्टअर भूमि है. तहसीलदार ने तीनों मामलों को मिला कर रामभवन पर 2, 29,520 रुपए क्षतिपूर्ति लगाते हुए बेदखली का आदेश दिया है.