ABC News: वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने आज बजट पेश करने के बाद अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस बजट में उन्होंने संसाधनों और खर्चों के बीच संतुलन बिठाने की कोशिश की है. कैपिटल एक्सपेंडीचर से लेकर आम जनता खासकर मिडिल क्लास के लिए टैक्स के नियमों में छूट दी है. देश डायरेक्ट टैक्स के नियमों के आसान होने का इंतजार कर रहा था और सरकार ने इस बजट के जरिए ऐसा कर दिखाया है.
पब्लिक सेक्टर इंवेस्टमेंट को हमारी सरकार संतुलित करने की कोशिश कर रही है और इसके साथ ही टैक्स के नियमों को आसान बनाने के लिए भी प्रयास लगातार जारी हैं. इसके साथ ही साथ एमएसएमई सेक्टर को बड़ा कर्ज देने के जरिए उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने की कोशिश की जा रही है. वित्त मंत्री ने कहा कि ये एक ऐसा बजट है जो पूरी तरह संतुलित है. हम बिना किसी कर छूट के नई टैक्स व्यवस्था बनाना चाहते हैं. हमारा फोकस ग्रीन ग्रोथ पर है. आयकर स्लैब में बदलाव से मध्यम वर्ग को लाभ होगा. हम एक भविष्यवादी फिनटेक को देख रहे हैं. सरकार विभिन्न क्षेत्रो में डिजिटल अर्थव्यवस्था को खोलने की कोशिश कर रही है. सरकार ने इस बार जो कैपिटल एक्सपेंडीचर में इजाफा किया है वो पहली बार दहाई अंकों में किया गया है. 10 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत निवेश परिव्यय के जरिए सरकार की प्राथमिकता देश के आर्थिक विकास को तेज करने पर है. सरकार का ध्यान रोजगार को बढ़ाने पर हैं और साथ ही इसमें तेजी लाने के प्रयासों पर हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि ऋण के लिए 20 लाख रुपए उपलब्ध कराए जा रहे हैं. साथ ही, पीएम मत्स्य संपदा योजना के तहत एक उप-योजना यह सुनिश्चित करती है कि तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोग इससे लाभान्वित होने जा रहे हैं. हमने MSME को राहत दी है. बजट में महिला सशक्तिकरण, पर्यटन पर जोर दिया गया. हम फिनटेक, औद्योगीकरण,डिजिटल अर्थव्यवस्था को भारत की डिजिटल शक्ति के रूप में देख रहे हैं. कृषि ऋण में काफी वृद्धि हुई है, व्यक्तिगत आय कर सुनिश्चित करना जिसमें बदलाव देखा गया है और यह लंबे समय बाद हुआ है. वित्त मंत्री ने कहा कि परियोजनाएं चल रही हैं और धन का उपयोग हो रहा है, जो बजट विवरण से आ रहा है. व्यक्ति के बिना परियोजनाएँ कैसे पूरी हो सकती हैं। मानव हस्तक्षेप के बिना 1 प्रतिशत परियोजना भी पूरा नहीं किया जा सकता है. तो जाहिर तौर पर जमीन पर नौकरियां मिल रही हैं.