ABC NEWS: दिल्ली में आम आदमी पार्टी के बड़े नेताओं के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की रेड हुई है. जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव बिभव कुमार और राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता के घर पर ईडी छापेमारी कर रही है. दिल्ली जल बोर्ड में भ्रष्टाचार मामले में ईडी ने एक्शन लिया है.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव बिभव कुमार और आम आदमी पार्टी से जुड़े अन्य लोगों के ठिकानों की छापेमारी की है. उन्होंने बताया कि दिल्ली के करीब 12 ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है.
#WATCH | ED raid underway at the residence of AAP MP ND Gupta in Delhi.
As per sources, ED is conducting searches at nearly 10 locations including the residence of Delhi CM Arvind Kejriwal’s personal secretary among others connected to the Aam Aadmi Party as part of its money… pic.twitter.com/dRdlSJjE6s
— ANI (@ANI) February 6, 2024
केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार और दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व सदस्य शलभ कुमार के अलावा कुछ अन्य नेताओं के ठिकानों पर ईडी की रेड चल रही है.
किस मामले में ईडी कर रही छापेमारी?
केंद्रीय एजेंसी दिल्ली जल बोर्ड की टेंडर प्रक्रिया में अनियमितताओं की जांच कर रही है. सीबीआई और दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) की एफआईआर के आधार पर ईडी के कार्रवाई कर रही है. सीबीआई की एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों ने इलेक्ट्रोमैग्नेटिक मीटरों की आपूर्ति, उन्हें लगाने, टेस्टिंग और कमीशनिंग के लिए टेडंर देते समय एक कंपनी को लाभ पहुंचाया.
सीबीआई की एफआईआर में क्या आरोप?
सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक, दिल्ली जल बोर्ड के तत्कालीन चीफ इंजीनियर जगदीश कुमार अरोड़ा ने मेसर्स एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को 38 करोड़ रुपये का टेंडर दिया था, जबकि कंपनी जरूरी मानदंडों पर खरी नहीं उतरती थी. हाल ही में ईडी ने PMLA के कहत 31 जनवरी को जगदीश अरोड़ा और अनिल कुमार अग्रवाल को गिरफ्तार किया है.
ईडी की जांच में आरोप है कि एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने फर्जी दस्तावेज जमा करके टेंडर हासिल किया है. मेसर्स एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने अनिल कुमार अग्रवाल की स्वामित्व वाली फर्म मेसर्स इंटीग्रल स्क्रूज़ लिमिटेड को काम का उप-ठेका दिया.
जब अनिल अग्रवाल को टेंडर की राशि मिली तो उन्होंने करीब तीन करोड़ रुपये रिश्वत की राशि जगदीश कुमार अरोड़ा को नकद और बैंक खातों के जरिए ट्रांसफर कर दिए. जांच में पता चला है कि इसके लिए अरोड़ा के करीबी सहयोगियों और उनके रिश्तेदारों के बैंक खातों का इस्तेमाल किया गया था.
जगदीश कुमार अरोड़ा के करीबी को भी नकद रिश्वत मिली. ईडी ने पहले 24 जुलाई, 2023 और 17 नवंबर, 2023 को छापेमारी की गई थी, जिसके बाद दस्तावेज और सबूत जब्त किए गए थे.