ABC News: सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया नोवावैक्स के साथ ओमिक्रॉन वेरिएंट को टारगेट करने वाली वैक्सीन पर काम कर रहा है. संस्थान के प्रमुख अदार पूनावाला ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि ये टीका खास तौर पर ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट बीए-5 के लिए होगा और छह महीने के भीतर इसके आने की उम्मीद की जा सकती है. इससे पहले आज यूके ने अपडेटेड मॉडर्ना वैक्सीन को मंजूरी दी है.
यूके के ड्रग रेगुलेटर ने कहा कि उसने कोरोना के खिलाफ अपडेटेड मॉडर्ना वैक्सीन को मंजूरी दी है. ये ओमिक्रॉन वेरिएंट के साथ-साथ वायरस के मूल रूप पर भी कारगर साबित हुई है. वहीं अदार पूनावाला ने ओमिक्रॉन वेरिएंट को टारगेट करने वाली वैक्सीन को लेकर कहा कि, “यह टीका एक बूस्टर के रूप में बेहद महत्वपूर्ण है.” उन्होंने कहा कि भारत के लिए ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ काम करने वाली वैक्सीन को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है. क्योंकि ओमिक्रॉन वेरिएंट हल्का नहीं है और ये एक गंभीर फ्लू की तरह फैल रहा है. उन्होंने कहा कि भारतीय बाजार में वैक्सीन का प्रवेश भारतीय नियामक द्वारा मंजूरी देने पर निर्भर करता है. साथ ही पूनावाला ने कहा कि इसके लिए ये अभी तक स्पष्ट नहीं है कि भारत में एक अलग नैदानिक परीक्षण की आवश्यकता है या नहीं. अदार पूनावाला ने कहा, “वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया में नोवावैक्स का परीक्षण चल रहा है. नवंबर-दिसंबर तक अमेरिकी दवा नियामक से भी संपर्क किया जा सकता है.” बता दें कि, दिल्ली सहित देश के कुछ हिस्सों में ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंटके फैलने से कोविड के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है. पिछले हफ्ते, कोविड टास्क फोर्स के प्रमुख एनके अरोड़ा ने बताया था कि अभी दिल्ली में फैल रहे ओमिक्रॉन वेरिएंट इस साल जनवरी में सामने आए बेस स्ट्रेन की तुलना में अधिक संक्रामक हैं. उन्होंने कहा था कि इस बीच संक्रमण को रोकने में टीकों की प्रभावशीलता भी 20 से 30 प्रतिशत तक कम हो गई है.