ABC NEWS: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की अपनी छह दिनों की लंबी यात्रा खत्म करने के बाद गुरुवार की सुबह दिल्ली पहुंचे. पालम एयरपोर्ट पर उनका जोरदार स्वागत किया गया. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित कई मंत्री, सांसद और भाजपा के नेता और कार्यकर्ता एयरपोर्ट पहुंचे. लोगों ने यहां मोदी-मोदी के नारे लगाए. प्रधानमंत्री मोदी ने भी यहां सभा को संबोधित किया. इस दौरान वह बिल्कुल तरोताजा नजर आ रहे थे. इतनी लंबी यात्रा के बावजूद उनके चेहरे पर थकान नहीं दिख रही थी.
भारत लौटते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक्टिव हो चुके हैं. आज सुबह 11 बजे वह दिल्ली-देहरादून वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में कहा जाता है कि वह एक देश से दूसरे देश की यात्रा का दौरान फ्लाइट में ही नींद पूरी कर लेते हैं. उन्हें बॉडी क्लॉक को संतुलित करने में समय नहीं लगता है.
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री वर्चुअल माध्यम से इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। वहीं, देहरादून में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और सीएम पुष्कर सिंह धामी मौजूद रहेंगे. देहरादून में ट्रेन के पहुंचने पर लोगों ने रेलवे स्टेशन में सेल्फी ली थी.
पालम एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ” मैं जितने भी नेताओं से मिला और जिन सभी हस्तियों से मैंने बात की वे मंत्रमुग्ध थे और जितनी कुशलता के साथ भारत जी20 की अध्यक्षता कर रहा है उसके लिए उन्होंने भारत की सराहना की. यह सभी भारतीयों के लिए बहुत गर्व की बात है.”
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री सबसे पहले जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जापान के हिरोशिमा गए. इसके बाद वह पापुआ न्यू गिनी पहुंचे, किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा उस हिंद-प्रशांत देश की यह पहली यात्रा थी. मोदी ने ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज के आमंत्रण पर सिडनी की यात्रा भी की.
पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने अपने समय का इस्तेमाल देश की भलाई के लिए किया. आलोचकों पर कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इन्हीं लोगों ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान अन्य देशों को टीके देने के फैसले पर सवाल उठाए थे. प्रधानमंत्री ने कहा, ” याद रखें, यह बुद्ध की भूमि है, यह गांधी की भूमि है. हम अपने दुश्मनों की भी फिक्र करते हैं, हम करुणा से भरे लोग हैं.”
उन्होंने कहा कि दुनिया भारत की कहानी सुनने के लिए उत्सुक है और भारतीयों को कभी भी अपनी महान संस्कृति तथा परंपराओं के बारे में बात करते हुए ”गुलाम मानसिकता” नहीं रखनी चाहिए, बल्कि साहस के साथ अपनी बात रखनी चाहिए. मोदी ने कहा कि दुनिया उनकी इस बात से सहमत है कि देश के धार्मिक स्थल पर कोई भी हमला स्वीकार्य नहीं है.