ABC NEWS: ( भूपेंद्र तिवारी ) कानपुर देहात के मड़ौली कांड की जांच कर रही एसआईटी ने मां-बेटी का पुतला बनाकर झोपड़ी में डाला और आग लगाकर उसे बुलडोजर से गिराकर उस समय की भयावह हकीकत को नजदीक से परखने का प्रयास किया. बुधवार को तिंगाई के मजरा नटपुरवा के मैदान में पूरा सेटअप तैयार किया गया था.
एसआईटी के सीओ विकास जायसवाल की अगुवाई में दोपहर बाद क्राइम सीन को दोहराया गया.
विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ के वैज्ञानिक डा. सुधीर कुमार व मंडलीय प्रयोगशाला के पीके श्रीवास्तव की अगुवाई में 13 सदस्यीय टीम एसआईटी के सीन रिक्रिएशन के काम में जुटी. यहां पर घटनास्थल की ही तरह अस्थाई ईंटे लगाकर उतनी ही लंबाई चौड़ाई की झोपड़ी बनाई गई. झोपड़ी को ऊपर से मूल झोपड़ी की तरह पॉलीथीन से ढका गया.
यहां पर मां-बेटी के पुतले भी बनाए गए थे। पहले दो घंटे तक आसपास के लिहाज से सभी चीजों को परखा गया. इसके बाद करीब साढ़े तीन बजे उसी तरह से झोपड़ी में आग लगाने के बाद उसे जेसीबी से गिराया गया. जेसीबी चलते ही पूरा छप्पर झोपड़ी के भीतर जा गिरा और आग विकराल हो उठी.
एसआईटी ने इसकी वीडियोग्राफी भी कराई. टीम इस बात को भी समझने की कोशिश कर रही थी कि आग बाहर से लगाई गई या अंदर से। पूरे घटनाक्रम को दोहरा कर वहां पर भी मैपिंग करके लिखापढ़ी की गई.
घटनास्थल का भी स्टेट टीम ने किया परीक्षणः सीन रिक्रिएशन से पहले फारेंसिक टीमें मड़ौली में घटनास्थल पर पहुंचीं. यहां पर टीम ने फिर से राख की जांच की. वहीं पर आग से जली मां-बेटी के जले हुए वस्त्र के टुकड़े भी मिले. इसके अलावा वहां मिले अवशेष के नमूने लिए गए. इसके बाद टीम रिक्रिएशन के लिए नटपुरवा रवाना हुई.
रखा गया बचाव का ध्यान
मड़ौली कांड की मूल घटना में भले ही अफसरों ने आग से बचाव का कोई इंतजाम न किया हो, लेकिन रिक्रिएशन के दौरान एसआईटी इस बात को लेकर सजग दिखी. इसके कारण वहां पर कार्यवाही के पहले ही फायर ब्रिगेड की गाड़ी बुलाने के साथ ही उनकी पाइप लाइन झोपड़ी तक डाल दी गई थी.
पहले मीडिया को जाने से रोका गयाः सीन रिक्रिएशन की जानकारी पर पुलिस ने मीडिया को उधर जाने से रोक दिया. सीओ सदर प्रभात कुमार व एसओ रूरा की टीम लगातार मीडिया को वहां न जाने के साथ ही फोटो वीडियो भी न बनाने का निर्देश दे रहे थे. हालांकि बाद में उच्चाधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद काफी दूर से फोटो वीडियो की अनुमति दी गई.
क्या है मामला
रूरा थानाबक्षेत्र के मड़ौली गांव में एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद की मौजूदगी में पुलिस व राजस्व कर्मियों के साथ गांव के कृष्ण गोपाल दीक्षित की झोपड़ी के पास लगे सरकारी नल मंदिर तोड़ने के साथ ही उसकी झोपड़ी को जेसीबी से ढहा दिया गया था. इसमें ढहाए गए छप्पर में लगी आग से वहां मौजूद कृष्ण गोपाल दीक्षित की पत्नी प्रमिला दीक्षित (44) व उनकी पुत्री नेहा (21) की आग से जलकर मौत हो गई थी. कृष्ण गोपाल गंभीर रूप से झुलस गए थे.