ABC NEWS: राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू 13 फरवरी को वाराणसी आ रही हैं. अपने पांच घंटे के प्रवास के दौरान वह बाबा विश्वनाथ और काल भैरव का दर्शन-पूजन करेंगी. राष्ट्रपति की यात्रा को देखते हुए बाबतपुर एयरपोर्ट से लेकर कार्यक्रम स्थल तक सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद की जा रही है. महामहिम राष्ट्रपति के वाराणसी दौरे को देखते हुए काशी के मुस्लिम कलाकार हाजी इरशाद अली ने मां गंगा की मिट्टी से कपड़े पर हनुमान चालीसा लिखा है. अपनी इस कलाकृति को वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भेंट करना चाहते हैं. इरशाद अली शहर के भेलूपुर इलाके के रहने वाले हैं. बनारसी ने कॉटन के कपड़े पर गंगा की माटी से हनुमान चालीसा की चौपाइयों को उकेरा है.
4 दिन में बनाई कलाकृति
इरशाद अली ने बताया कि कॉटन के 2 मीटर कपड़े पर उन्होंने हनुमान चालीसा लिखा है. इसमें उन्हें लगभग 4 दिन का वक्त लगा है. इरशाद ने हनुमान चालीसा को लिखने से पहले उसे बकायदा पढ़ा और उसका अर्थ समझा. इसके बाद उन्होंने इसकी चौपाइयों को कपड़े पर उकेरा है. बनारसी कपड़े के चारों ओर नारंगी रंग की बनारसी साड़ी की कोटिंग है, जिसमें कमल का फूल बना हुआ है. इरशाद ने बताया कि वो बाढ़ के वक्त गंगा की मिट्टी घर लेकर आए थे, उसे छान कर सुखाया था. बाद में गंगाजल और खाने वाले गोंद को मिलाकर उन्होंने हनुमान चालीसा लिखी.
इरशाद की इच्छा है कि इस लेखनी को पीएम नरेंद्र मोदी ,सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ नये संसद भवन में भी रखा जाए. सिर्फ हनुमान चालीसा ही नहीं, बल्कि हनुमान सहस्त्रनाम स्रोत और संपूर्ण गीता के श्लोक भी इरशाद ने कपड़े पर उकेरा है. इस काम में उन्हें साल भर से अधिक का समय लगा है.