ABC NEWS: शुआट्स प्रकरण में रोज अनियमितता का मामला सामने आ रहा है. कुलपति आरबी लाल पर आरोप है कि उन्होंने गिरफ्तारी से बचने के लिए फरारी और जेल में गुजारे वक्त को विशेष अवकाश बताते हुए इस पूरी अवधि का वेतन ले लिया. शिकायतकर्ता भाजपा नेता दिवाकर त्रिपाठी ने इस आरोप की जांच की मांग की है.
एक्सिस बैंक में 23 करोड़ के गबन का मामला सामने आने पर प्रयागराज पुलिस ने एसआईटी का गठन किया था. तत्कालीन एसपी क्राइम बृजेश मिश्र ने शुआट्स के पदाधिकारियों पर मिलीभगत करने का आरोप लगाकर कार्रवाई की. इस मामले में कुलपति आरबी लाल को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया. इससे पूर्व कई दिन वह फरार थे. जमानत पर रिहा होने के बाद उन्होंने काम संभाला. महीनों गायब रहे, लेकिन ऑन रिकॉर्ड दर्शाया कि वह विशेष छुट्टी पर थे. छुट्टी का हवाला देकर पूरा वेतन लिया.
नैनी पुलिस ने ऑडिट विभाग से मांगे साक्ष्य
शुआट्स के पदाधिकारियों पर आरोप है कि 1984 से 2017 के मध्य कुल 69 प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर के पदों पर नियुक्ति में मानकों को पूरा नहीं किया गया. अनिवार्य योग्यता का पालन नहीं किया गया. साक्षात्कार के लिए लेटर भी जारी नहीं किया गया. यह भी आरोप लगा है कि एक पद का सृजन करके विज्ञापन जारी किया और उस पर फर्जीवाड़ा करके नियुक्त कर दी गई. इसका ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा होने के बाद अब नैनी पुलिस ने ऑडिट करने वाली कंपनी से पत्राचार किया है. पुलिस ने बताया कि ऑडिट करने वाले एक्सपर्ट से ही शुआट्स के पदाधिकारियों के खिलाफ साक्ष्य मांगे गए हैं. इस प्रकरण में शुआट्स के लीगल सेल से भी सभी नियुक्तियों से संबंधित कागजात मांगे गए हैं. उनसे पूछा गया कि किस शिक्षक की कब और कैसे नियुक्ति हुई. हालांकि अभी तक शुआट्स ने कोई डेटा मुहैया नहीं कराया है.
सफेदपोशों पर एजेंसियों की नजर
शुआट्स के पदाधिकारियों का शहर से लेकर लखनऊ के कई सफेदपोशों से नजदीकी संबंध रहा है. 2017 में जब प्रयागराज पुलिस ने लाल बंधुओं पर कार्रवाई शुरू की तो कई मददगारों के चेहरे सामने आए थे. हालांकि उनके खिलाफ कोई आपराधिक गतिविधियों की संलिप्तता सामने नहीं आई थी. इस बार कहानी दूसरी है। फतेहपुर पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां धर्मांतरण के मुद्दे पर हर बिंदू की जांच कर रही हैं. किसी से मिलीभगत और फंडिंग के मामले में एजेंसियां तह तक घुसने की कोशिश में लगी हैं. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि शुआट्स में शिक्षक भर्ती, धर्मांतरण और अन्य ठगी के मामले में कार्रवाई होना यह है.