ABC NEWS: अपने कार्यकाल के अंतिम दिन विदा होने से पहले कानपुर की महापौर प्रमिला पांडेय ने कहा के मुझे शहर के 124 से मंदिरों का जीर्णोद्धार न करा पाने का बहुत दुख है. मैं दुखी हूं कि जिन मंदिरों को ढूंढ कर मैंने चिन्हित किया था, वहां पुजारी या कर्मचारी तक नहीं रखवा पाई. महापौर ने कहा कि दो परियोजनाओं को पूरा न करा पाने की कसक भी है मुझे. महिला मार्केट घंटाघर में बनवाने के लिए मैंने अतिक्रमण ढहाया लेकिन किन्हीं वजहों से यह मार्केट नहीं बन पाया, जो सिर्फ महिलाओं के लिए बनना था.
उन्होंने कहा कि चाचा नेहरू अस्पताल को चालू न करवाने की भी कसक रह गई. उन्होंने यह भी कहा कि मैं फुल टाइमर के रूप में महापौर का कार्य देखती रही और गली-गली घूमकर नगर निगम के हित में और शहर के हित में कार्य किया. उन्होंने कहा कि शाम को गाड़ी मुझे घर तक छोड़ने जाएगी और उसके बाद गाड़ी वापस कर दूंगी. मैंने बाकी सामान जो मेरे पास था वो नगर निगम को सौंप दिया है.