ABC News: सिख विरोधी दंगे में विशेष जांच दल (एसआइटी) ने शनिवार देर रात एक और आरोपित को गोरखपुर से गिरफ्तार किया है. जबकि अन्य आरोपित की तलाश में एसआइटी ने आजमगढ़ में भी दबिश दी है. अब एसआइटी 37 से अधिक आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है.
गोरखपुर के मामखोर गांव निवासी मार्कंडेय शुक्ला, राम अवध शुक्ला और प्रेमू शुक्ला सगे भाई हैं. वर्ष 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद शहर में भी दंगा भड़का था. जिसमें दादा नगर निवासी यह तीनों भाई भी शामिल थे. एसआइटी की छानबीन में सभी के नाम प्रकाश में आये थे. मार्कंडेय शुक्ला की कोरोना काल में मृत्यु हो गई थी. जबकि मंझले राम अवध शुक्ला की चार दिन पहले कैंसर की बीमारी के चलते मौत हो गई. एसआइटी सूत्रों के मुताबिक एल एंड टी कंपनी से सुपरवाइजर पद से सेवानिवृत्त हुए 70 वर्षीय प्रेमू शुक्ला को शनिवार देर रात गोरखपुर स्थित उनके पैतृक गांव मामखोर से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी के बाद टीम उन्हें स्थानीय थाने ले गई थी. जहां से एक अन्य आरोपित की गिरफ्तारी के लिए टीम आजमगढ़ गई. वहां भी टीम ने तीन संभावित स्थानों पर दबिश दी, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी.