ABC NEWS: UP विधानमंडल का मानसून सत्र चल रहा है. बुधवार को BSP के विधान परिषद सदस्य भीमराव अम्बेडकर ने आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल से एक सवाल किया. इस सवाल की वजह से वह सुर्खियों में हैं. हालांकि, आबकारी मंत्री ने उनके सवाल का जवाब ‘न’ में दिया.
BSP के विधान परिषद सदस्य भीमराव अम्बेडकर ने सदन में आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल से सवाल किया “क्या BPL कार्ड धारकों को मुफ्त शराब देने की कोई योजना है?” उन्होंने कहा कि सरकार ने ज्यादातर उन बस्तियों में ठेके खुलवाए हैं, जहां निम्न आय वर्ग के लोग रहते हैं.
उनको सरकार मुफ्त में अनाज दे रही है. मगर, वो जो पैसा कमाते हैं, वो इन्हीं ठेकों में शराब खरीदकर खर्च कर देते हैं. क्या सरकार उनको मुफ्त में शराब भी देगी?
उन्होंने कहा कि अगर सरकार के हाथ में मुफ्त शराब देना नहीं है, तो ठेके तो बंद करवाना है ही. मगर, सरकार ऐसा नहीं कर रही है. इस तरह से उन लोगों को धोखा मिल रहा है, जिनको सरकार मुफ्त में अनाज दे रही है.
दरअसल, जितना लाभ मुफ्त अनाज से मिल रहा है, उससे ज्यादा वो लोग ठेके पर शराब में खर्च कर रहे हैं. विधान परिषद सदस्य भीमराव अम्बेडकर ने कहा कि मेरे सवाल के जवाब में सरकार ने कहा कि ऐसी कोई योजना नहीं है.
विधान परिषद में मौर्य Vs मौर्य
उधर, विधान परिषद में ‘मौर्य Vs मौर्य’ भी देखने को मिला. पिछड़ी जाति के दो नेता डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और बीजेपी से पाला बदलकर सपा के खेमे का चेहरा बन चुके स्वामी प्रसाद मौर्य ने मोर्चा संभाला.
उच्च सदन में केशव प्रसाद मौर्य और स्वामी प्रसाद मौर्य आमने-सामने थे. नेता प्रतिपक्ष विहीन सदन में समाजवादी पार्टी के विधायक ने कानून व्यवस्था पर चर्चा के लिए ‘कार्य स्थगन’ का नोटिस दिया.
इस नोटिस के द्वारा समाजवादी पार्टी की मांग थी कि सभी कार्यों को रोककर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर चर्चा कराई जाए. उसके बाद दोनों नेताओं में जमकर वाक युद्ध हुआ.
इसमें उपलब्धियों और नाकामियों के साथ ‘गुंडा’ शब्द भी आया. डिप्टी सीएम ने स्लोगन याद दिलाया, तो सपा सदस्यों के विरोध में सुर मिलाते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने गुंडाराज होने का आरोप लगाया.