ABC NEWS: देश दुनिया में मशहूर रहे हास्य कालाकार राजू श्रीवास्तव का जीवन काफी संघर्षों से भरा रहा. उन्होंने कानपुर में ऑटो चालाया और स्टैंडअप कामेडी से 50 से 100 रुपये तक इनाम भी पा लेते थे. इसी स्टैंडअप कामेडी ने राजू श्रीवास्तव को कनपुरिया गजोधर बना दिया और किरदार में ऐसे ढाला कि देश-दुनिया तक पहचान बना ली.
राजू श्रीवास्तव बालीवुड में फिल्मों-सीरियलों से लेकर वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान के ब्रांड एंबेसडर बने. उप्र फिल्म विकास परिषद के अध्यक्ष पद तक का सफर तय किया. नोएडा में फिल्म सिटी की आधारशिला रखवाने में अहम भूमिका निभाई. नयापुरवा, किदवईनगर में 25 दिसंबर, 1963 को जन्मे राजू श्रीवास्तव सपनों के शहर मुंबई की तरफ रुख करने के बाद फिर पीछे नहीं लौटे. उस शहर में जहां तमाम बार लोग भटकने के बाद लौट पड़ते हैं, वहां उन्होंने अपने पांव जमाए. सबकुछ आसान नहीं होने के बाद भी डटे रहे.
जब कुछ दिन बाद उन्हें तंगहाली सताने लगी तो जरूरतें पूरी करने के लिए आटो चालक तक बनने से परहेज नहीं किया. इस दौरान भी उन्होंने स्टैंडअप कामेडी जारी रखी. तमाम परेशानियों के बावजूद वह आगे बढ़ते रहे। फिर उनकी किस्मत ने कुछ यूं मोड़ लिया कि कामेडी शो में ब्रेक मिला और वह आगे ही आगे दौड़ लगाते चले गए.
उन्होंने डीडी नेशनल के मशहूर शो टी टाइम मनोरंजन से लेकर द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज से खास पहचान बनाई. इस शो के उपविजेता रहे और यहीं कनपुरिया किरदार गजोधर भैया को उन्होंने जन्म दिया, जो एकदम सड़क से उठकर सबके सामने आया और लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी का जिक्र लाया. इसे लोगों ने खूब पसंद भी किया. कई लोग तो देश में स्टैंडअप कामेडी का उन्हें जनक तक कहते हैं, जो सच भी है.