ABC NEWS: लखनऊ में त्रिवेणीनगर के योगीनगर इलाके में अकेले रह रहीं 90 वर्षीय शैलदेवी उर्फ स्नेहलता की घर के अंदर चाकू से गला रेत कर हत्या कर दी गई. उनकी गर्दन व कान के नीचे चाकू से दो वार किए गए। रविवार देर शाम जानकीपुरम में रहने वाली पोती पूजा ने दादी शैलदेवी को फोन मिलाया लेकिन बात नहीं हो सकी. इस पर पड़ोसी को बताया गया तो इस घटना का पता चला. कुछ देर में ही बेटा मुकेश शर्मा और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे.
घर के अंदर कोई सामान बिखरा नहीं था और शैलदेवी के कान में टॉप्स थे. इस आधार पर ही अलीगंज पुलिस ने लूटपाट से इनकार किया है. घटना के बाद से एक पोते का फोन बंद है। यह पोता अपरान्ह करीब तीन बजे घर में देखा गया था. पुलिस का दावा है कि इस घटना में बेहद करीबी का हाथ है. घटना के बाद से फरार पोते मानस को पुलिस ने देररात पकड़ लिया, उससे पूछताछ की जा रही थी.
पड़ोसी ने छत से झांका तो खून से लथपथ दिखी
शैलदेवी के पति कैलाश चन्द्र शर्मा सीतापुर के सिधौली में बिजनेस करते थे. उनका देहान्त हो चुका है। शैल योगीनगर में दुर्गा मंदिर के पास अकेले ही रहती थी. उनके चार बेटे व एक बेटी है। दो बेटों से तो तीन साल से किसी का सम्पर्क ही नहीं हुआ है. तीसरे नम्बर का बेटा मुकेश शर्मा विधि विज्ञान प्रयोगशाला से रिटायर हुए हैं. वह अपने परिवार के साथ जानकीपुरम में रहते हैं. एसीपी आशुतोष कुमार ने बताया कि मौके पर कोई संघर्ष जैसा नहीं दिखा. शैलदेवी के तीन कमरों के इस मकान में सब कुछ व्यवस्थित मिला. कान में भी टॉप्स थे। इससे साफ था कि लूट नहीं हुई है.
त्रिवेणीनगर में बुजुर्ग महिला की घर के अंदर गला रेत कर हत्या, दहशत
डीसीपी कासिम आब्दी ने बताया कि रात में मानस चारबाग स्टेशन के पास मिल गया. वह हर सवाल का अजीब सा जवाब दे रहा था. मानस शक के दायरे में है. बेटे मुकेश ने बताया कि वह रोजाना की तरह रविवार दोपहर साढ़े 11 बजे आया था. तब मां एकदम ठीक थी. उन्हें फल दिया, फिर बात की और शाम को आने की बात कहकर चला गया. जाते समय उन्होंने मां को डेढ़ सौ रुपये भी दिये थे। पुलिस को पड़ताल के दौरान ही पड़ोसियों से पता चला कि एक पोता मानस करीब तीन बजे घर में देखा गया था. पुलिस ने मानस के पिता महेश से पूछा तो बताया कि वह रुद्रपुर गयाहै। उसका मोबाइल भी स्विच ऑफ मिला.
पड़ोसी बोले-आखिर हत्या किस वजह से हुई
कुछ दूरी पर ही रहने वाले दिलीप सिंह का कहना है कि चंद कदम पर दुर्गा मंदिर है. नवरात्र की वजह से दिनभर काफी चहल-पहल रही. ऐसे में कौन आया और हत्या कर गया. उमेश कहते हैं कि वह अकेली रहती थी। बाहर कम ही निकलती थी. घर में लूट भी नहीं हुई है. ऐसे में कोई अपना ऐसा कर गया है. किसी अपरिचित के आने पर वह दरवाजा भी नहीं खोलती थी.
दोपहर 12 से छह के बीच हुई हत्या
बेटे मुकेश ने बताया कि वह 12 बजे तक घर पर रुका था. शाम छह बजे पूजा के फोन मिलाने पर बात नहीं हुई. इस आधार पर ही पुलिस मान रही है कि यह घटना दोपहर 12 से शाम छह बजे के बीच हुई है. इस घटना को लेकर आस पास के लोगों के चेहरे पर दहशत भी दिखी.
दरवाजा खुला मिला बेटे को, अंदर मां मृत मिली
मुकेश ने बताया कि वह जब घर पहुंचा तो दरवाजा ओढ़का हुआ था. दरवाजे पर हल्का से धक्का दिया तो वह खुल गया. शैलदेवी हमेशा दरवाजा अंदर से बंद रखती थी. मुकेश अंदर गई तो मां खून से लथपथ मिली. कन्ट्रोल रूम को सूचना दी गई। एडीसीपी कासिम आब्दी, एसीपी आशुतोष कुमार व क्राइम ब्रांच की टीम मौके पर पहुंची. एडीसीपी कासिम ने बताया कि शैलदेवी का गला रेता हुआ था। कान के नीचे भी चाकू का वार था.
बेटा बोला-कई बार कहा, मां चलती ही नहीं थी घर
पुलिस अधिकारियों ने जब मुकेश से पूछा कि इतनी बुजुर्ग हो गई थी मां, उन्हें साथ क्यों नहीं रखते थे. इस पर उसने कहा कि वह अक्सर कहता था कि जानकीपुरम चलकर रहो। लेकिन मां पुराने मकान में रहने की जिद पर अड़ी रही. पड़ोसियों ने भी उनकी बात का समर्थन किया. हालांकि आस पास के कुछ लोगों ने पुलिस को बताया कि शैलदेवी कई बार अकेलेपन का जिक्र करती थीं.