यमुना, केन और बेतवा की बाढ़ में घिरे सात जिलों के 507 गांव, पलायन कर रहे ग्रामीण परिवार

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ABC NEWS: इन दिनों यमुना नदी का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है और खतरे के निशान से तीन मीटर ऊपर बह रही है. नदी किनारे के सात जिलों में तटवर्ती 507 गांव बाढ़ की चपेट में हैं. इसके अलावा केन, बेतवा, चंबल और संगुर भी उफान पर हैं और तटवर्ती गांवों के लोग पलायन करने लगे हैं. वहीं गंगा नदी का भी प्रवाह तेज हो चला है और खतरे के निशान से पौने दो मीटर की ही दूरी रह गई है, फर्रुखाबाद, कन्नौज और उन्नाव के तटवर्ती गांवों में अलर्ट जारी कर दिया गया है.

यमुना, बेतवा और केन नदी में उफान से हमीरपुर में 114 गांव, बांदा में 37 गांव, जालौन में 70 गांव, फतेहुपर में 130 गांव, औरैया में 15 गांव, इटावा में 100 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में हैं. कानपुर देहात में यमुना और सेंगुर नदी की बाढ़ में 41 गांवों का संपर्क कट गया है. वहीं गंगा नदी में जलस्तर बढ़ने से फर्रुखाबाद में तटवर्ती 30 गांव पानी से घिर गए हैं.

हमीरपुर : यमुना व बेतवा में उफान से 114 गांव डूबे

यमुना में जलस्तर बढ़ने का रिकार्ड टूट चुका है और बेतवा भी उफान पर है, जिससे तटवर्ती 114 गांव डूब चुके हैं. मौदहा बांध के अधिशासी अभियंता करनपाल गंगवार ने बताया कि वर्ष 2021 में यमुना का अधिकतम जलस्तर 107.170 और बेतवा का 106.700 मीटर रिकार्ड किया गया था. इस बार यमुना का जलस्तर 107.410 व बेतवा का 106.870 मीटर रिकार्ड किया है. युमना का चेतावनी बिंदु 103.63 व बेतवा का 104.54 मीटर पर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोग ऊंचाई वाले स्थानों पर डेरा जमा चुके हैं.

नदी किनारे कच्चे मकान एक साथ कटान का शिकार हो गए हैं और बाढ़ में समा गए. बाढ़ प्रभावित गांवों में एनडीआरएफ की टीम ने भी आकर मोर्चा संभाल लिया है. 24 सदस्यीय इस टीम ने चार बोट की मदद से अलग अलग स्थानों में जाकर बाढ़ में फंसे परिवारों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा रही है.

बीएसए ने बाढ़ प्रभावित गांवों में 17 प्राइमरी व तीन जूनियर विद्यालय बंद कर दिये हैं. स्कूलों में रखे अभिलेख व सामान सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के निर्देश प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापकों को दिए हैं.

बांदा में यमुना व केन उफनाई, चार गांव खाली और 37 गांव बाढ़ से घिरे

यमुना और केन नदी का जलस्तर बढ़ रहा हैं. शनिवार सुबह दस बजे तक यमुना का जलस्तर 102.70 मीटर पर रहा, जो खतरे के निशान से 2.70 मीटर ऊपर है. केन नदी का जल स्तर सुबह 11 बजे 102.96 मीटर पर रहा, यह खतरे के निशान से एक मीटर नीचे है.

दोनों नदियों के उफान से पैलानी क्षेत्र के शंकर पुरवा, तारा और दोहतरा तथा बबेरू तहसील के औदहा, इटर्रा, अछरील गांव खाली कराए गए हैं. जबकि पैलानी और बबेरू तहसील क्षेत्र के 35 गांवों का जिला व तहसील मुख्यालय से पूरी तरह संपर्क कट चुका है. ये गांव पानी से पूरी तरह घिरे हैं. बाढ़ के डर से लोग ऊंचाई वाले स्थान पर चले गए हैं.

नदी का पानी पहुंचने से हमीरपुर-बांदा राजमार्ग पर जल्द बंद होने की संभावना है. बांदा-कानपुर मार्ग पर दोहतरा के पास यमुना का पानी तीन फीट ऊपर आ जाने से आवागमन दो दिन से बंद है.

अपर जिलाधिकारी उमाकांत त्रिपाठी ने बताया कि लेखपालों व ग्राम सचिवों के जरिये बाढ़ में फंसे ग्रामीणों के पास राहत व भोजन सामग्री भेजी जा रही है. पशुओं के लिए चारा-भूसा के इंतजाम किए जा रहे हैं. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि चार-चार पैकेट बांटकर सिर्फ फोटो खिंचाई जा रही है, वास्तविक मदद नहीं की जा रही है.

जालौन : खतरे के निशान से पौने 5 मीटर ऊपर बह रहीं यमुना

उरई के कालपी में यमुना का जलस्तर 2 सेमी प्रति घंटा की रफ्तार से  बढ़ रहा है. बाढ़ के पिछले रिकॉर्ड टूटने के आसार हैं. यहां शनिवार की सुबह 10 बजे जलस्तर 112.71 मीटर पर पहुंच गया है, जो खतरे के निशान से पौने पांच मीटर ऊपर बह रहा है. वर्ष 1996 में जलस्तर 112.98 मीटर और वर्ष 2021 में 112.78 मीटर पर अधिकतम दर्ज किया गया था.

कालपी क्षेत्र में तटवर्ती 70 गांव बाढ़ की चपेट में हैं, जिसमें 26 गांवों के डूबने से लोग पलायन कर चुके हैं. कई गांव का संपर्क कटने से लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है, वहीं कालपी कस्बे के कई मोहल्ले भी जलमग्न हो चुके हैं. यहां हीरापुर मैनपुर मगरोल दहेलखंड, रायड़, कीरतपुर देवकली, रॉयड़, गुलौली जाने वाले रास्ते पर पानी भर गया है.

फतेहुपर में बाढ़ से घिरे 130 गांव, दस गांव से पलायन शुरू

यमुना के जलस्तर में लगातार वृद्धि होने से कटरी के 130 गांव बाढ़ की चपेट में हैं. पल्टूपुरवा समेत दस गांवों से चार सौ परिवारों को राहत शिविर में टिकाया गया है. शनिवार को यमुना का जलस्तर खतरे के निशान 100.86 मीटर के सापेक्ष 102.68 मीटर में पहुंच गया.

ललौली के पास बाढ़ का पानी भर जाने से बांदा-कानपुर हाईवे तीसरे दिन भी बंद रहा. यहां पर सड़क के ऊपर लगभग पांच फीट ऊंचाई से पानी बह रहा है. किशुनपुर कस्बे में पानी घुस गया है। कोर्राकनक के मजरे हड़ाही के डेरा में आठ घर पानी से डूब गए हैं. दतौली, दसौली व गढ़ी गांव की सैकड़ों बीघा फसले जलमग्न हैं। दपसौरा गांव के बीस परिवार नाव से अपना सामान सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे है.

औरैया : यमुना नदी का प्रवाह चेतावनी बिंदु 112 व खतरे के निशान 113 मीटर से ऊपर पहुंच गया है. शनिवार की सुबह आठ बजे तक जलस्तर 117.7 मीटर पर था. तीन दिन से अबतक तकरीबन 15 गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं और ज्यादातर परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है. सिकरोड़ी में नौ, जुहीखा में 10, बीझलपुर में दो नाविक, सिकरोड़ी में चार, मुरादगंज में 10, अयाना बीहड़ में एक छोटी नाव से लोगों को बाहर निकाला जा रहा है. निगरानी के लिए चार बाढ़ नियंत्रण केंद्र और सात चौकियां स्थापित की गई हैं.

औरैया में बढेरा, गोहानी कलां, कैथोली, गूंज, असेवा, जुहीखा, बीझलपुर, ततारपुर कलां, सिकरोड़ी, बंशियापुर, बरदौली, मिश्रपुर मानिकचंद, फरिहा, गोहानी खुर्द पूरी तरह डूब चुके हैं। वहीं मिरजापुर मुआहिज, ऊंचा, शेखूपुर आधार सिंह, सबलपुर, रहमापुर, सहदपुर, रतनपुर गढ़िया, अजुआपुर, बल्लापुर, सुउटपुर, सौहरी गढ़िया। बबाइन, पहाड़पुर, नखतपुर, सिमार, असेवटा, भूरेपुर कला, सिखरना.

इटावा : चंबल नदी में अधिकतम 129.91 मीटर पर पहुंचने के बाद शनिवार को 128.84 मीटर हो गया. करीब 100 से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. लखना-सिंडौस मार्ग बंद है और गांवों में लोगों के लिए खाने की समस्याए बनी है. बाढ़ से प्रभावित लोगों को प्रशासन ने ऊंचे स्थानों पर रखा है.

कानपुर देहात : यमुना का जलस्तर 113 मीटर पर है. यमुना व सेंगुर किनारे के करीब 41 गांव में पानी घुस गया है और लोग सुरक्षित स्थान पर पलायन कर रहे हैं. एसडीआरएफ मदद में लगी है, बाढ़ में फंसे लोगों को लंच पैकेट व दवा वितरित की जा रही.

फर्रुखाबाद : गंगा का जलस्तर 20 सेंटीमीटर घटकर 136.75 मीटर पर पहुंच गया है. हालांकि अभी भी यह चेतावनी बिंदु 136.60 मीटर से 15 सेमी ऊपर है. अभी करीब 30 गांव गंगा के पानी से घिरे हुए हैं. रामगंगा का जलस्तर गेज से नीचे है. खोह हरेली रामनगर से रामगंगा में 670 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है.

 

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