ABC NEWS: महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में एक ही परिवार के पांच लोगों की रहस्यमयी मौत की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है. डेथ मिस्ट्री बना ये मामला सामूहिक हत्याकांड निकला. जिसे अंजाम देने वाला कोई अपराधी या बाहरी शख्स नहीं बल्कि मृतक परिवार से जुड़ी दो महिलाएं हैं. जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इस हत्याकांड की वजह संपत्ति का विवाद बताया जा रहा है.
दहला देगी मौत की ये कहानी
पांच लोगों के कत्ल की जो कहानी निकलकर सामने आई है, यकीकनन वो किसी का भी दिल दहला सकती है. दरअसल, गढ़चिरौली जिले की अहेरी तहसील के महगाव गांव में शंकर कुंभारे का परिवार रहता था. लेकिन अचानक शकंर समेत उसके परिवार के पांच सदस्यों की बीमार पड़ने से बीस दिनों के भीतर मौत हो गई. जबकि शंकर या उसके परिजनों को पहले से कोई बीमारी नहीं थी.
अचानक बिगड़ी तबीयत
गढ़चिरौली के पुलिस अधीक्षक (SP) नीलोत्पल ने बताया, “सबसे पहले शंकर कुंभारे और उनकी पत्नी विजय कुंभारे को उनके स्वास्थ्य में अचानक गिरावट होने का अहसास हुआ. इसके बाद उन्हें पहले अहेरी में भर्ती कराया गया और फिर वहां से चंद्रपुर रैफर कर दिया गया. लेकिन वहां भी बात नहीं बनी तो अंत में इलाज के लिए उन्हें नागपुर के एक प्रतिष्ठित अस्पताल में भर्ती कराया गया.
फूड पॉइजनिंग के लक्षण
जहां प्रारंभिक जांच में फूड पॉइजनिंग के लक्षण दिखाई दिए. क्योंकि शुरुआत में घर पर उन्हें दस्त और पेट में दर्द हुआ था. उसके बाद पूरे शरीर में दर्द होने लगा और धीरे-धीरे जब जहर ने उन्हें इतना प्रभावित किया कि गंभीर हृदय संबंधी समस्याएं पैदा हो गईं. समय से उचित इलाज नहीं मिल पाने की वजह से 26 सितंबर को शंकर कुंभारे का निधन हो गया. उसके बाद 27 सितंबर को उनकी पत्नी विजया कुंभारे भी चल बसी.
एक-एक कर परिजनों की मौत
एसपी नीलोत्पल ने आगे बताया, “इस सदमे से ये परिवार अभी उबरा भी नहीं था कि शंकर कुंभारे की बेटी कोमल दहागावकर और उनके बेटे रोशन कुंभारे और उनकी बेटी आनंदा उर्फ वर्षा उराडे को भी अलग-अलग परेशानी के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उपचार के विभिन्न तरीकों के बावजूद उनकी हालत बिना किसी सुधार के दिन-ब-दिन बिगड़ती गई. और नतीजा ये हुआ कि कोमल दहागांवकर का 8 अक्टूबर को निधन हो गया, जबकि आनंदा (वर्षा उराडे) ने 14 अक्टूबर को दम तोड़ दिया. इसके बाद रोशन कुंभारे की 15 अक्टूबर को मौत हो गई.
बड़े बेटे की हालत भी बिगड़ी
पुलिस अधिकारियों ने खुलासा किया कि अपने माता-पिता के स्वास्थ्य और अस्पताल में भर्ती होने की खबर सुनकर शंकर कुंभारे के सबसे बड़े बेटे सागर कुंभारे चंद्रपुर पहुंचे. लेकिन जब तक उनके माता-पिता की मौत हो चुकी थी. सागर दिल्ली में काम करते हैं. लेकिन जब माता-पिता के अंतिम संस्कार के बाद सागर दिल्ली लौटे तो उनकी तबीयत भी अचानक बिगड़ गई, और उन्हें इलाज के लिए दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया.
ड्राइवर भी हुआ बीमार
ये सिलसिला यहीं नहीं थमा, परिवार का ड्राइवर राकेश मडावी भी अचानक बीमार हो गया. उसी ने शंकर कुंभारे और विजया कुंभारे को इलाज के लिए चंद्रपुर पहुंचाया था. राकेश को घटना के दूसरे दिन हालत खराब होने के कारण चंद्रपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हैरानी की बात थी कि इन सभी में एक समान लक्षण दिखे थे.
इसके अलावा, एक रिश्तेदार जो परिवार की सहायता के लिए चंद्रपुर और नागपुर आया था, वो भी बीमार पड़ गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. चिकित्सा अधिकारी ने बताया है कि तीनों व्यक्तियों की हालत अब स्थिर है और उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है.
मरने वालों में दिखे थे एक जैसे लक्षण
जिन पांच व्यक्तियों की मौत हो गई थी और जो तीन वर्तमान में इलाज करा रहे हैं, उनमें समान लक्षण दिखाई दिए. जैसे कि अंगों में झुनझुनी, पीठ के निचले हिस्से और सिर में गंभीर दर्द, काले होंठ और भारी जीभ. इन लक्षणों के आधार पर चिकित्सा अधिकारी को शुरू में शक हुआ कि मृतकों और बीमारों पर किसी जहर का असर हुआ है. हालांकि, उनकी शुरुआती जांच में जहर के बारे में कोई खास जानकारी नहीं मिली.
इलाके में डर और दहशत का माहौल
उधर, एक ही परिवार के पांच सदस्यों की अचानक मौत से इलाके में डर और दहशत का माहौल था. गढ़चिरौली के पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल ने महाराष्ट्र और तेलंगाना के विभिन्न जिलों में पूछताछ करने के लिए तुरंत चार अलग-अलग जांच टीमों का गठन किया. वो चाहते थे कि इस मामले का खुलासा जल्द से जल्द हो जाए.
पुलिस को बहू पर था शक
एसपी ने बताया कि इस केस की जांच के दौरान शक के आधार पर पुलिस ने संघमित्रा नाम की एक महिला पर कड़ी नजर रखी, जो मृतक शंकर कुंभारे की बहू और रोशन कुंभारे की पत्नी थी. उन दोनों की मौत हो चुकी थी. जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि संघमित्रा बीएससी एग्रीकल्चर टॉपर थी और उसने अपने माता-पिता के खिलाफ जाकर रोशन के साथ अपनी मर्जी से शादी की थी. कुछ महीने पहले उसके पिता ने आत्महत्या कर ली थी और तब से वह परेशान थी. इसके अलावा उसके पति रोशन और उसके ससुराल वाले उसे अक्सर ताने देते थे और यही कारण था कि वो उन सबसे छुटकारा पाना चाहती थी.
पति की बहन से था रोजा रामटेके का विवाद
पुलिस के मुताबिक, शंकर कुंभारे के साले की पत्नी रोजा रामटेके पास के घर में रहती थी. जांच के दौरान पता चला कि वो भी इस अपराध में शामिल थी. क्योंकि रोजा रामटेके का पैतृक संपत्ति को लेकर पति की बहन के साथ हिस्सेदारी को लेकर मतभेद था. वो उसे संपत्ति का हिस्सा नहीं देना चाहती थी.
दो महिलाओं ने रची जहरीली साजिश
इसलिए संघमित्रा और रोजा ने हाथ मिलाया और एक जहरीली साजिश रच डाली. जिसके अनुसार उन्होंने शुरू में जहर के बारे में ऑनलाइन रिसर्च की. जिसका इस्तेमाल शंकर कुंभारे और उनके परिवार के अन्य लोगों को निशाना बनाने के लिए किया जा सकता था. रिसर्च के बाद वे एक ऐसे जहर का पता लगाने में कामयाब रहे, जिसे पानी या खाने के साथ मिलाने पर भी उसकी मौजूदगी का पता नहीं लगाया जा सकता था.
आर्सेनिक जहर का इस्तेमाल
रोजा ने अपने पति, ससुराल वालों और ननद के साथ मिलकर एक खौफनाक साजिश रची और परिवार के सदस्यों को मारने के लिए बेरंग, गंधहीन और बेस्वाद भारी धातु आर्सेनिक जहर का इस्तेमाल किया.
इसलिए बीमार हुआ था ड्राइवर राकेश
ये साजिश इस हद तक थी कि जब शंकर कुंभारे और उनकी पत्नी को इलाज के लिए चंद्रपुर के अस्पताल ले जाया जा रहा था तो रोजा रामटेके ने पानी की बोतल में जहर भर लिया था और कहा था कि इसमें जड़ी-बूटियां हैं और यह इलाज में मददगार हो सकती हैं. इत्तेफाक से वही पानी कार के ड्राइवर राकेश मडावी ने भी पी लिया था, जिसके बाद वो बीमार पड़ गया और अब अस्पताल में भर्ती हैं. रोजा ने ऐसा इसलिए किया था ताकि किसी भी हाल में शंकर कुंभारे और उनकी पत्नी जिंदा न रहें.
दोनों आरोपी महिलाएं गिरफ्तार
उनकी साजिश के मुताबिक, रोजा रामटेके जहर लेने तेलंगाना गई थी. वहां से जहर लाकर उसने मौका मिलने पर शंकर कुंभारे और उनके दूसरे परिजनों के खाने पानी में मिला दिया था. अब परिवार के दो अन्य सदस्य और ड्राइवर फिलहाल अस्पताल में भर्ती हैं. अब पुलिस को शक है कि पांच लोगों को जहरीली मौत देने वाली संघमित्रा और रोजा ऐसे और भी अपराध में शामिल हो सकती हैं. गिरफ्तारी के बाद अब उन दोनों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है.