ABC NEWS: त्योहारी भीड़ से ट्रेनों में किस कदर वसूली हुई, इसका भंडाफोड़ एक वायरल वीडियो से हुआ है. 11 नवंबर को 44 यात्रियों से हजारों रुपये वसूल कर रेल स्टाफ ने श्रमशक्ति एक्सप्रेस की पावर कार में बैठा लिया. बिना टिकट यह यात्री दिल्ली से कानपुर पहुंचा दिए गए. वसूली के शिकार एक फौजी ने इसका वीडियो बना लिया. वायरल होने पर अफसरों ने वसूली करने वाले कर्मचारी जियाउल हक को निलंबित कर उसे चार्जशीट थमा दी है.
रेलवे सूत्रों के मुताबिक कैरिज वैगन का कर्मचारी जियाउल हक रेलवे की एक प्रभावशाली यूनियन से जुड़ा है. उसने श्रमशक्ति एक्सप्रेस (12452) की पावर कार (गार्ड कम कोच) में दिल्ली से 44 बेटिकट यात्री बैठा लिए. इनमें से कुछ पनकी स्टेशन पर उतरे, बाकी सेंट्रल स्टेशन तक आए। प्रति यात्री 400 रुपये वसूली की गई. यात्रियों से वसूली के दौरान उसी में सफर करने वाले एक फौजी ने वीडियो बना लिया. फौजी की शिकायत पर आरोपी रेल कर्मी से पूछताछ भी की गई.
कानपुर में आरपीएफ तक मामला पहुंचा लेकिन यूनियन के दबाव में उसे दबा दिया गया. 13 नवंबर को वसूली का वीडियो वायरल हो गया. तब अफसरों ने वसूली करने वाले जियाउल हक को निलंबित कर उसे चार्जशीट दी है. रेलवे में पहले मामला दबाने और फिर कार्रवाई को लेकर अलग-अलग चर्चाएं शुरू हो गई हैं. सूत्रों का कहना है कि वसूली करने के लिए रेल कर्मी ने दिल्ली से ही टीटीई की टोपी और काली जैकेट खरीदी. रेल कर्मचारी के कारनामे की चर्चा हर ओर अब हो रही है. लोग उसके कारनामे से हैरान हैं.
प्रयागराज मंडल के पीआरओ अमित सिंह के अनुसार श्रमशक्ति एक्सप्रेस में वसूली का वायरल वीडियो संज्ञान में आया. प्रथम दृष्टया आरोपी रेल कर्मी को निलंबित करने के साथ ही उसे चार्जशीट दी गई है. आरोपी रेल कर्मी जवाब देगा। इसके बाद आगे की कार्रवाई करने पर फैसला लेगा.