ABC NEWS: सनातन धर्म में संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व है. चतुर्थी महीने में दो बार आती है, एक बार शुक्ल पक्ष और एक कृष्ण पक्ष में. यह दिन पूरी तरह से भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित है. इस शुभ दिन पर लोग प्रार्थना करते हैं और उपवास रखते हैं. प्रत्येक संकष्टी चतुर्थी का अपना नाम, कथा और पीठ होती है. इस माह मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष में गणधिप संकष्टी चतुर्थी आने वाली है.
इस बार गणधिप संकष्टी चतुर्थी को मनाने की तारीख में कंफ्यूजन हो रहा है. कुछ लोग इसे 29 नवंबर को तो कुछ 30 नवंबर को मनाने की बात कह रहे हैं. अगर आपको भी इसे लेकर कोई कंफ्यूजन है तो हम आपको सटीक तारीख और समय के बारे में यहां बता रहे हैं.
तारीख और समय
संकष्टी चतुर्थी प्रारंभ – 30 नवंबर 2023 – 02:24 अपराह्न
संकष्टी चतुर्थी समाप्त – 1 दिसंबर 2023 – 03:31 अपराह्न
संकष्टी दिवस पर चंद्रोदय – 30 नवंबर, 2023 – शाम 07:42 बजे
जानें महत्व
संकष्टी चतुर्थी का हिंदू धर्म में अपना ही महत्व है, क्योंकि यह भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित है. लोग व्रत रखते हैं और पूरी आस्था और भक्ति के साथ भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करते हैं. गणधिप संकष्टी चतुर्थी मार्गशीर्ष माह में कृष्ण पक्ष के दौरान आती है.
भगवान गणेश को भक्तों के जीवन से बाधाओं को दूर करने के लिए जाना जाता है, क्योंकि उन्हें विघ्न हर्ता के रूप में जाना जाता है, जो जीवन से समस्याओं को दूर करते हैं. गणपति जी की पूजा के बिना कोई भी पूजा अनुष्ठान से लेकर शादी-सगाई के आयोजन तक कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है.
पूजन विधि
1. सुबह जल्दी उठकर घर पर ही स्नान करें.
2. अपने घर विशेषकर पूजा कक्ष को साफ करें.
3. भगवान गणेश की मूर्ति रखें और उन्हें पीले गेंदे के फूल की माला से सजाएं.
4. एक दीया जलाएं और उन्हें बूंदी के लड्डू या मोदक और दुर्वा घास अर्पित करें.
5. पूजा करें, कथा पढ़ें और आरती करें.
इन मंत्रों का जाप करें
ॐ श्री गणेशाय नमः..!!
ॐ गं गणपतये नमः ॐ वक्रतुण्ड महाकाये सूर्यकोटि समप्रभा निर्विघ्नं कुरुमाये देव सर्व कार्येषु सर्वदा..!!