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ABC NEWS: रंग पंचमी हिंदूओं के प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है. रंग पंचमी प्रमुख रूप से उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तरी भारत के कुछ हिस्सों में मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को रंग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है. इस बार रंग पंचमी 30 मार्च यानी आज मनाया जा रहा है. भारत में कुछ स्थानों पर रंग पंचमी पर होली खेली जाती है. कहते हैं कि इस दिन देवी देवताओं से जो भी मांगो वो सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं.

इस मान्यता के कारण मनाया जाता है रंग पंचमी का पर्व

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार भगवान शिव ध्यान में लीन थे तब कामदेव ने ध्यान में लीन भगवान शिव के ध्यान को भंग करने की कोशिश की. तब भगवान शिव अत्यंत क्रोधित हुए और उन्होंने क्रोध में आकर कामदेव को भस्म कर दिया. तब कामदेव की पत्नी देवी रति ने विलाप करते हुए, अन्य देवताओं के साथ भगवान शिव से बार बार प्रार्थना करी कि भगवान शिव उनके पति कामदेव को जीवनदान प्रदान करें.

तब भगवान शिव ने प्रसन्न होकर कामदेव को पुनर्जीवित कर देने का आश्वासन दिया था. कामदेव के फिर से जीवित होने की सूचना से सभी देवतागण बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने हर्ष और उल्लास के रंगोत्सव मनाया, तभी से रंग पंचमी का पर्व मनाने की परंपरा है.

मान्यता के अनुसार, रंग पंचमी के पर्व पर देवी-देवता धरती पर आकर रंग, गुलाल, अबीर से होली खेलते हैं. वहीं दूसरी और ये भी माना जाता है कि रंग पंचमी के दिन भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी ने एक दूसरे को रंग लगाकर होली खेली थी. उन्हें होली खेलते हुए देखकर सभी देवी-देवताओं ने प्रसन्न होकर उन पर फूलों की वर्षा की. तभी से रंग पंचमी के दिन देवताओं को रंग लगाने और गुलाल उड़ाने की परंपरा है.

रंग पंचमी शुभ मुहूर्त 
हिंदू पंचांग के अनुसार, रंग पंचमी की तिथि 29 मार्च यानी कल 8 बजकर 20 मिनट से शुरू हो चुकी है और समापन 30 मार्च यानी आज रात 9 बजकर 13 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार, रंग पंचमी 30 मार्च यानी आज ही मनाई जा रही है.

पूजन मुहूर्त- आज अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 1 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा. रवि योग- रात 10 बजकर 3 मिनट से लेकर 31 मार्च को सुबह 6 बजकर 12 मिनट तक रहेगा.

रंगपंचमी की पूजन विधि 
रंगपंचमी का त्योहार भगवान कृष्ण और राधा जी को समर्पित होता है. वहीं, भारत के कुछ हिस्सों में भगवान विष्णु की पूजा की भी प्रथा है. इस दिन, लोग सुबह उठकर स्नान करने के बाद भगवान कृष्ण और मां राधा के सामने घी का दीया जलाकर लाल रंग का गुलाल अर्पित करते हैं. मान्यता के अनुसार, रंगपंचमी के दिन विधिवत पूजन से शादीशुदा जोड़ों को जीवन में आनंद और सुख की प्राप्ति होती है. इसके अलावा, भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के पूजन में लाल फूल और  पीले वस्त्रों का इस्तेमाल किया जाता है.

रंगपंचमी के दिन करें ये उपाय 
1. माता लक्ष्मी के मंत्र ‘ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः’ का जाप करें.

2. माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु को गुड़ और मिश्री का भोग लगाएं.

3. भगवान कृष्ण और मां राधा को लाल, पीला गुलाल और इत्र चढ़ाएं.

4. घर में हर जगह गंगाजल का छिड़काव करें. ऐसा करने से घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और घर में शांति बनी रहती है.

5. भगवान कृष्ण और भगवान विष्णु को पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं.

कैसे मनाया जाता है रंगपंचमी का त्योहार?
रंगपंचमी का त्योहार भी होली (धुलेंडी) के पर्व की तरह ही मनाया जाता है. इस दिन, लोग एक-दूसरे को रंग लगाते हैं और अपनी खुशी जाहिर करते हैं. हालांकि, देश के अलग-अलग हिस्सों में लोग केसर आदि चीजों से बने इत्र और रंगों को भी भगवान कृष्ण और राधा जी को अर्पित करते हैं.

इसके अलावा, देशभर में लोग जुलूस भी निकालते हैं. मान्यता के अनुसार, रंगपंचमी का त्योहार पर्यावरण को शुद्ध करने का एक तरीका है. इसका सकारात्मक प्रभाव हमारी मानसिक और शारीरिक सेहत पर पड़ता है. इसके अलावा, कई लोग यह भी मानते हैं कि इस दिन विधिवत पूजन से पूर्वजन्म के पापों से मुक्ति मिल जाती है.

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