ABC NEWS: कांग्रेस और राहुल गांधी के लिए शुक्रवार का दिन शुभ समाचार लेकर आया. मोदी सरनेम केस में सूरत की निचली अदालत ने राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी. सूरत कोर्ट के इस फैसले के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता चली गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने अब राहुल गांधी को दोषी ठहराए जाने के साथ ही सुनाई गई सजा पर भी रोक लगा दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जब तक राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई पूरी नहीं हो जाती तब तक दोषसिद्धि पर रोक रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को अधिकतम सजा सुनाए जाने पर भी सवाल उठाए हैं. सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी और विपक्षी गठबंधन के लिए भी कई मायनों में अहम है.
बहाल हो सकती है संसद सदस्यता
राहुल गांधी को सूरत की निचली अदालत से दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया गया था. लोकसभा सचिवालय ने आदेश जारी कर दो साल की सजा सुनाए जाने के ग्राउंड पर राहुल गांधी को संसद की सदस्यता समाप्त कर दिया था.
कोई मर्डर या रेप थोड़ी किया है; सजा पर SC में राहुल के वकील की दलील
केस की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, ‘हम यह जानना चाहते हैं कि अधिकतम सजा ही क्यों दी गई. यदि जज ने 1 साल और 11 महीने की भी सजा दी होती तो वह अयोग्य घोषित न होते.’ इस पर पूर्णेश मोदी के वकील ने कहा कि ऐसी सजा शायद इसलिए दी गई क्योंकि राहुल गांधी को पहले ही हिदायत दी गई थी, लेकिन उनके बर्ताव में कोई बदलाव नहीं आया था. शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि इस केस में एक दिन की भी कम सजा होती तो राहुल गांधी सांसद रहते.
बेंच बोली- लोकसभा क्षेत्र की जनता भी प्रभावित हुई
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट के आदेश के प्रभाव व्यापक हैं. इससे न केवल राहुल गांधी का सार्वजनिक जीवन में बने रहने का अधिकार प्रभावित हुआ, बल्कि उन्हें चुनने वाले मतदाताओं का अधिकार भी प्रभावित हुआ. सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि निचली अदालत के न्यायाधीश द्वारा अधिकतम सजा देने का कोई कारण नहीं बताया गया है, अंतिम फैसला आने तक दोषसिद्धि के आदेश पर रोक लगाने की जरूरत है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मामला किसी एक शख्स का नहीं है बल्कि पूरे संसदीय क्षेत्र का है. कैसे उन्हें उनके नुमाइंदे से वंचित किया जा सकता है.
‘राहुल गांधी कोई बहुत बड़े अपराधी नहीं है’
सुनवाई के दौरान राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह कोई मर्डर, रेप या अगवा करने का केस थोड़ी है, जिसे जज ने गंभीर माना था. सिंघवी ने कहा, ‘राहुल गांधी कोई बहुत बड़े अपराधी नहीं है. उन पर भाजपा के कार्यकर्ताओं ने बहुत केस कराए हैं, लेकिन किसी में भी उन्हें दोषी नहीं पाया गया। पहले ही राहुल गांधी इस मामले के चलते संसद के दो सदन में नहीं जा सके हैं.’