ABC NEWS: शिवभक्तों के लिए सावन का महीना बहुत अहम होता है और इस पूरे माह भगवान शिव की आराधना की जाती है. भोलेनाथ का आशीर्वाद पाने के लिए शिवभक्त इस माह कांवड़ यात्रा पर जाते हैं और कांवड़ के जरिए हरिद्वार से पदयात्रा करते हुए गंगाजल लेकर आते हैं. इसके बाद सावन माह की शिवरात्रि के दिन पवित्र गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है. इसलिए सावन की शिवरात्रि का विशेष महत्व माना गया है. लेकिन इस साल सावन शिवरात्रि की डेट को लेकर लोगों के बीच कंफ्यूजन है कि 15 या 16 जुलाई में से किस दिन शिवरात्रि मनाई जाएगी. आइए जानते हैं सावन शिवरात्रि की सही तारीख और जल चढ़ाने का शुभ मुहूर्त.
14 या 15! कब है सावन शिवरात्रि?
हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन मासिक शिवरात्रि क व्रत रखा जाता है. ऐसे में सावन माह की शिवरात्रि भी चतुर्दशी तिथि के दिन ही मनाई जाएगी जो कि 15 जुलाई को रात 8 बजकर 32 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 16 जुलाई को रात 10 बजकर 8 मिनट पर होगा. भगवान शिव की पूजा निशिता काल में की जाती है और इसलिए शिवरात्रि का पर्व 15 जुलाई 2023 को मनाया जाएगा.
शिवलिंग पर जल चढ़ाने का शुभ मुहूर्त
सावन मास की शिवरात्रि के दिन भोलेनाथ का जलाभिषेक करना शुभ माना गया है और इस दिन कांवड़ यात्रा से आए लोग विधि-विधान से शिवलिंग पर गंगाजल अर्पित करते हैं. पंचांग के अुनसार शिवरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त 15 जुलाई को रात 8 बजकर मिनट पर शुरू होगा और अगले दिन 16 जुलाई को रात 10 बजे तक रहेगा.
क्यों खास होती है सावन की शिवरात्रि?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जब समुद्र मंथन से विष का कलश निकला था तब भगवान शिव ने सृष्टि को बचाने के लिए उस विष का पान किया था. उस दौरान सावन का महीना था और विष की जलन के प्रभाव को कम करने के लिए देवताओं ने भोलेनाथ पर जल अर्पित किया था. इसलिए सावन का महीना और इस माह आने वाली शिवरात्रि का लोगों के बीच विशेष महत्व माना गया है. कहते हैं कि सावन शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जल अर्पित करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं और रोगों से भी मुक्ति मिलती है.
प्रस्तुति : भूपेंद्र तिवारी