ABC NEWS: ( भूपेंद्र तिवारी ) सोशल मीडिया पर आजकल आलोक मौर्या और एसडीएम ज्योति मौर्या की कहानी छाई हुई है. ऐसी ही एक कहानी अब कानपुर से सामने आ रही है. कल्याणपुर के अंबेडकरपुरम आवास विकास निवासी दिव्यांग युवक ने अब अपनी कहानी रखी है. आलोक की तरह उसने भी पत्नी को पढ़ाया लिखाया और सरकारी नौकरी लगवाने में मदद की. लेकिन जब युवक की सरकारी नौकरी छूट गई तो पत्नी ने पांच महीने बाद ही उसे घर से निकाल दिया. 30 सालों का रिश्ता खत्म कर विभाग की एक अफसर से दोस्त कर ली. अब पीड़ित पति अफसरों से न्याय की गुहार लगा रहा है.
अलीगढ़ के रावण टीला के मूल निवासी दिव्यांग युवक कई सालों से अंबेडकरपुरम आवास विकास तीन में रह रहा है. उसकी शादी साल 1993 में हुई थी। शुरू में वह ट्यूशन पढ़ाकर घर खर्च चलाता था और पत्नी को भी साथ में पढ़ाता था. साल 1998 में उसकी नौकरी कृषि विभाग में लग गई. घर में खुशियां और बढ़ गईं जब इसके एक साल बाद 1990 में पत्नी की भी नौकरी लग गई और साल 2000 में उसकी विकास भवन में लिपिक पद पर तैनात हो गई. परिवार में सबकुछ ठीक चला रहा था।.उनके दो बच्चे भी हए. युवक साल 2015 में उन्नाव में सहायक अध्यापक के रूप में तैनाती हो गई.
युवक के मुताबिक इस बीच उसकी पत्नी की उसके विभाग में एक अफसर से दोस्ती हो गई. दंपति के रिश्तों में फिर दरार आने लगी. इससे युवक तनाव में आ गया और नौकरी पर जाना छोड़ दिया. मार्च 2021 में उसे नौकरी से निकाल दिया गया जिसका वह केस लड़ रहा है. युवक का आरोप है कि इसके पांच महीने बाद ही 17 अगस्त 2021 को उसकी पत्नी ने उसे घर से बाहर निकाल दिया। जब भी वह अलीगढ़ से कानपुर आता है तो वह घर में घुसने नहीं देती है यहां तक कि बच्चों से भी दूर रखती है. कई बार उसने दोस्त से भी पिटवाया है.