ABC NEWS: ( भूपेंद्र तिवारी ) कानपुर में छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, सीएसजेएमयू के रानी लक्ष्मीबाई प्रेक्षागृह में शनिवार को दो दिवसीय शिक्षा मंथन का आगाज हुआ. कार्यक्रम का शुभारंभ प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने किया. इस दौरान उन्होंने कुलपतियों के कहा कि यहां से जो सीखा…उसे संस्थान तक लेकर जाएं.
कॉलेज भी नैक में आगे आएं और वीसी उनका नेतृत्व करें. उन्होंने कहा कि जो भी अधिकारी विदेश के संस्थानों में पढ़े हैं. अपनी यूनिवर्सिटी से दोबारा संपर्क कर प्रदेश के संस्थानों के साथ एमओयू साइन करें, ताकि इसका लाभ वर्तमान में अध्ययनरत छात्रों को मिल सके.
इस कार्यक्रम में प्रदेश के उच्च शिक्षामंत्री योगेंद्र उपाध्याय के साथ शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों ने शिरकत की. साथ ही, प्रदेश के सभी चिकित्सा, कृषि, संस्कृत व राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति, रजिस्ट्रार, परीक्षा नियंत्रक, वित्त नियंत्रक, आईक्यूएसी के निदेशक समेत 10 वरिष्ठ प्रोफेसर शामिल रहे.
दो दिनों में इन मुद्दों पर होगी चर्चा
विवि में नौ जुलाई, रविवार तक चलने वाले इस कार्यक्रम में शिक्षा की नीतियों को तय करने, एनआईआरएफ, क्यूएस रैंकिंग में नाम अंकित करने और नैक में ए-प्लस प्लस ग्रेड पाने के लिए मंथन होगा. नई शिक्षा नीति प्रभावी होने में आ रही दिक्कतों पर भी चर्चा होगी.
ये विशेषज्ञ हुए हैं शामिल
कार्यक्रम में विशेषज्ञ के रूप में डॉ. अनिल कुमार नासा (सदस्य सेक्रेटरी एनआईआरएफ, नई दिल्ली) ने संस्थान को रैंकिंग के मानक बताए. इस दौरान डॉ. छम्मू कृष्ण शास्त्री (अध्यक्ष, इंडियन लैंग्वेज कमेटी नई दिल्ली), प्रो. अश्विन फर्नांडिस (रीजनल डायरेक्टर एंड सीईओ-मिडिल ईस्ट, नार्थ अफ्रीका, साउथ एशिया-क्यूएस रेटिंग दुबई), डॉ. कुलदीप सिंह (विभागाध्यक्ष पीडियाट्रिक्स एकेडमिक हेड शामिल हुए.
इसके अलावा ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज जोधपुर), डॉ. के रमा (पूर्व सलाहकार नैक बेंगलुरू), प्रो. संजीत सिंह (प्रति कुलपति चंडीगढ़ विश्वविद्यालय), हिमानी सूद (वाइस प्रेसिडेंट चंडीगढ़ विश्वविद्यालय), डॉ. टीजी सीथाराम (चेयरमैन एआईसीटीई नई दिल्ली), डॉ. पंकज मित्तल (जनरल सेक्रेटरी एआईयू नई दिल्ली) और डॉ. योगेश सिंह (कुलपति यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली) आदि मौजूद रहे.