ABC News: कानपुर में बुलियन, ज्वेलरी और रियल एस्टेट कारोबारियों के प्रतिष्ठानों से लेकर घरों तक चली आयकर विभाग की कार्रवाई खत्म हो गई है. करीब 96 घंटे तक चली आयकर विभाग की इस कार्रवाई में 600 करोड़ के फर्जी लेनदेन पकड़े गए हैं. अफसरों का दावा है कि यूपी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए ये अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है. इसमें करीब सात महीनों तक ट्रैकिंग की गई. फिर इसमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस टूल का इस्तेमाल किया गया.
इस टूल की मदद से कई हाई वैल्यू संदिग्ध लेनदेन सामने आए. जब सारी कड़ियां एक के बाद एक कर जुड़ती गईं. उसके बाद यह एक्शन लिया गया. आयकर विभाग ने ज्वैलर्स के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान 25 करोड़ रुपए की नकदी और करीब 70 किलो सोना-चांदी सीज किया है. बताया जा रहा है कि सोमवार तक आयकर विभाग ने 16 करोड़ का कैश जब्त किया था लेकिन शाम को बिरहाना रोड स्थित एक बंद दुकान में बड़े पैमाने पर कैश होने की जानकारी मिली. जिस पर सोमवार देर शाम यहां पर टीम पहुंची और शटर खुलवाकर जब जांच की गई, तो एक कपड़े के गठ्ठर में नौ करोड़ रूपए नकद मिले. मंगलवार सुबह तक आयकर विभाग ने 25 करोड़ रूपए जब्त कर लिया था. टीम ने 50 से अधिक बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज भी जब्त किए हैं.
सूत्रों का दावा है कि करीब 100 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी पकड़ी गई है. कारोबारियों के सफेदपोश साथियों के बारे में भी पता चला है. इसमें एक प्रतिष्ठित औद्योगिक घराना भी बताया जा रहा है. कहा जा रहा है कि कई ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जो बताते हैं कि कारोबारी काला धन बेनामी संपत्ति में खपा रहे थे. कारोबारियों ने रियल एस्टेट कारोबारी के जरिए बड़ी संख्या में फ्लैट खरीदे. आयकर अधिकारियों ने छापेमारी के दौरान एक औद्योगिक घराने से भी बड़े सराफा कारोबारी के लेन-देन के संबंध पकड़े हैं. इसके अलावा आधा दर्जन हार्ड डिस्क मिलीं जिनमें करीब दो दर्जन कारोबारियों से उनके लेन-देन की जानकारी मिली है. आयकर अधिकारियों ने अहमदाबाद, चेन्नई और मुंबई में भी छापे मारे. यहां बिरहाना रोड के सराफा कारोबारी के बेटे के कार्यालय हैं.