ABC News: इनकम टैक्स के मुख्यायल में पूरे फिल्मी अंदाज में विभाग में नौकरी देने का इंटरव्यू लिया जा रहा था. प्रत्यक्ष कर भवन के कैंटीन यह फर्जीवाड़ा कई दिनों से चल रहा था. अचानक आईटी सेल को संदेह हुआ तो वहां मौजूद युवकों से पूछताछ की गई. जिसमें नौकरी के लिए इंटरव्यू की बात सामने आई. हैरत की बात है कि यह गिरोह आयकर भवन कार्यालय के अंदर ही नौकरी दिलाने के नाम पर तीन से पांच लाख रुपये वसूली किया करता था. विभाग के अधिकारियों को जानकारी हुई तो होश उड़ गये. आननफानन मुख्य द्वार बंद कर सभी को अंदर रोक लिया गया. इस फर्जीवाड़ा के संदेह में आये सभी अधिकारी , फर्जीवाड़ा गिरोह के मास्टर माइंड व बेरोजगारों से देर शाम तक पूछताछ की जा रही थी.
इनकम टैक्स विभाग का मुख्यालय प्रत्यक्ष कर भवन नरही रोड पर है. मंगलवार को मुख्यालय के कैंटीन में दोपहर को अचानक कई युवकों की भीड़ देखी गई. इस पर संदेह हुआ. तो आईटी सेल के कुछ कर्मचारियों व अधिकारियों ने युवकों से पूछताछ की. जिसमें पता चला कि कैंटीन में इंटरव्यू चल रहा है. आईटी सेल के अधिकारियों का संदेह और गहरा गया. संदेह इसलिए गहराया कि विभाग में किसी भी पद का इंटरव्यू होगा तो कार्यालय में होगा न कि कैंटीन में. इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी गई. उच्चाधिकारियों के पहुंचते ही कैंटीन में फर्जीवाड़ा करने वाले एक मास्टर माइंड के साथ विभाग के दो इनकम टैक्स ऑफिसर भी मिले. जो मौका देखकर वहां से निकल गये. बताया जा रहा है कि आयकर भवन में यह गिरोह खुद को प्रशासनिक अधिकारी बताकर लोगों को कैंटीन के पास बुलाते थे। उनका इंटरव्यू लेकर नियुक्ति पत्र भी थमा देते थे. नियुक्ति पत्र के बाद वह टोकन मनी के तौर पर तीन से पांच लाख रुपये लेते थे. बताया जा रहा है कि एसएस श्रीवास्तव प्रशासनिक अधिकारी के नाम पर 100 से अधिक लोगों ने नौकरी के नाम पर पैसे लिए गए.
विभागीय सूत्रों के अनुसार इस गिरोह ने प्रशासनिक भवन के अलावा बाहर के लोगों को भी अपना शिकार बनाकर करोड़ों रुपये की ठगी कर चुके हैं. कैंटीन के पास इंटरव्यू के दौरान दो महिलाएं रहती थीं, यहां आयकर अधिकारियों के जानने वाले भी आते थे.मंगलवार को दोपहर तीन बजे कुछ कर्मचारियों ने आयकर विभाग के जनसंपर्क अधिकारी को बताया कि स्टाफ कैफेटेरिया में कुछ संदिग्ध गतिविधियां हो रही हैं. पूछताछ में विरोधाभासी बयान आने पर गिरोह में शामिल कुछ लोगों ने वहां से भागने का प्रयास किया, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें गेट पर ही पकड़ लिया. मौके पर प्रिंयका मिश्रा नाम की एक महिला पकड़ी गई, पूछताछ में उसके साथ सात लोगों की निशानदेही पर सात अन्य लोग पकड़े गए. इसके बाद उनसे देर शाम तक पूछताछ की जा रही थी. सूत्रों के मुताबिक इंटरव्यू लेने वाले संदिग्ध अधिकारी व मास्टर माइंड ने बेरोजगारों का डाटा बेस तैयार कर रखा था. इसी डाटा बेस के जरिए कई दिनों से इंटरव्यू का खेल कैंटीन में चल रहा था. सूत्रों के मुताबिक अब तक दो सौ से अधिक बेरोजगारों से इंटरव्यू लिया जा चुका है. मंगलवार को इंटरव्यू देने के लिए 50 से अधिक बेरोजगार पहुंच गये. इतनी बड़ी संख्या में युवक व युवतियों को देखकर विभागीय कर्मचारियों को संदेह हुआ. जिसके कारण इस फर्जी इनकम टैक्स के विशेष दस्ता निर्माण का फर्जीवाड़ा सामने आ गया. 2013 में अक्षय कुमार और अनुपम खेर की इनकम टैक्स पर एक फिल्म ‘स्पेशल-26’ आई थी. फिल्म में जिस तरह फर्जी इनकम टैक्स विभाग के अधिकारियों की टीम तैयार की जा रही थी. ठीक उसी तरह इनकम टैक्स विभाग के मुख्यालय प्रत्यक्षकर भवन में भी इंटरव्यू का खेल चल रहा था. पूरा सेटअप कैंटीन में तैयार किया गया था. वहीं पर पिछले कई दिनों से इंटरव्यू लिया जा रहा था. अभी इस बात का खुलासा होना बाकी है कि इस ‘स्पेशल-26’ के निशाने पर लखनऊ का कौन सा व्यापारी या बिल्डर था. फर्जीवाड़े की जानकारी होते ही उच्चाधिकारी तुरंत एक्शन मोड में आ गये. कुछ उच्चाधिकारी कैंटीन में पहुंच गये.
उनके आते ही कैंटीन में भगदड़ मच गई. सभी इधर-उधर भागने लगे. वहीं दो विभागीय अधिकारी भी वहां से निकलते देखे गये. जिनको तत्काल पकड़ लिया गया. उनको संयुक्त आयकर आयुक्त इन्वेस्टिगेशन के पास पहुंचाया गया. कैंटीन में पकड़े गये सभी लोगों के मोबाइल को विभागीय अधिकारियों ने जब्त कर लिया है. प्रत्यक्ष कर भवन की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये है. यहां पर न तो कोई किसी अधिकारी के अनुमति के अंदर जा सकता है और न ही बाहर. ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में युवकों का प्रवेश कैसे हुआ। यह बड़ा सवाल है. इस सवाल का जवाब तलाश रहे विभागीय उच्चाधिकारियों ने सुरक्षाकर्मियों से भी पूछताछ शुरू की है. वहीं गेट पर रखे गये रजिस्टर की छानबीन की जा रही है. इसके अलावा कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगाली जा रही है. आयकर विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए महिला और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करा दिया है. महिला सहित आठ लोगों को पुलिस को सुपुर्द कर दिया गया. पुलिस महिला से पूछताछ कर गिरोह में शामिल अन्य लोगों का पता कर रही है. साथ ही इस तरह फर्जी नियुक्ति पत्र जारी कर कितने लोगों को ठगा गया है इसकी भी जानकारी ली जा रही है.