ABC News: वित्त मंत्रालय के रडार पर रहे कानपुर के संदिग्ध बैंक खातों की कड़ियां साइबर अपराध से जुड़ती मिल रही हैं. ऐसा ही एक बैंक खाता पुलिस के सामने आया है, जिसमें पिछले पांच सालों में 20 लाख से ज्यादा की रकम ट्रांसफर हुई है. रकम ट्रांसफर करने वाला जालौन का साइबर ठग है और जिसके खाते में पैसे ट्रांसफर हुए वह किदवई नगर की महिला निकली. दोनों हनुमंत विहार पुलिस के हत्थे चढ़े तो पता चला कि महिला उससे 20 प्रतिशत कमीशन लेती थी.
वित्त मंत्रालय ने साल की शुरुआत में एक रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय भेजी थी. इसमें ऐसे बैंक खाते थे, जिनका लेनदेन, केवाइसी (नो योर कस्टमर) संदेहजनक थे. वित्त मंत्रालय को इन खातों का प्रयोग आपराधिक गतिविधियों में किए जाने की आशंका थी. इस पर अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था से आदेश के बाद कानपुर में खुले 91 बैंक खातों की पड़ताल क्राइम ब्रांच ने की तो पता चला कि उनमें कई खातों में नाम और पते गलत हैं. जिसमें लाखों-करोड़ों का लेनदेन हुआ है. क्राइम ब्रांच की रिपोर्ट के आधार पर कमिश्नरेट के 50 से ज्यादा खाताधारकों के खिलाफ अलग-अलग थानों में धोखाधड़ी में मुकदमा दर्ज हुआ. इसी क्रम में नौबस्ता थाने में भी एसबीआइ उस्मानपुर शाखा के किदवई नगर रानी देवी नाम की खाताधारक के खिलाफ मुकदमा दर्ज है. जिसकी जांच अब हनुमंत विहार पुलिस कर रही है. पुलिस ने जब रानी देवी के खाते की जांच कराई तो उसमें पता किदवईनगर का था, लेकिन उस पते पर जाने पर रानी चकेरी में ससुराल में रह रही थी. उसने बताया कि वर्ष 2015 में छात्रवृत्ति के लिए खाता खुलवाया था, लेकिन खाते में वर्ष 2015 से 2020 तक 20 लाख से ज्यादा रुपये अलग-अलग बैंकों और ई-वायलट से ट्रांसफर हुए थे।पुलिस के मुताबिक, रानी के खाते में जो नंबर दर्ज है वह जालौन के बबीना निवासी जुगल किशोर का निकला. उस नंबर पर काल की तो फोन नहीं उठा, लेकिन उसकी सीडीआर से उसका एक और नंबर मिला. जिस पर रानी से बात कराई और साइबर अपराध को लेकर नए खाता खोलने को लेकर उसे बुलवा लिया. इसके बाद जुगल किशोर और रानी को पुलिस ने पकड़ लिया.