ABC NEWS: मई 2022 के चौथे सप्ताह में भानु सप्तमी (Bhanu Saptami), अपरा एकादशी (Apara Ekadashi), मासिक कालाष्टमी व्रत, प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri) आने वाली है. मई के चौथे सप्ताह का प्रारंभ 22 मई दिन रविवार से हो रहा है, जो 28 मई दिन शनिवार तक है. यह सप्ताह सूर्य देव, भगवान शिव और श्रीहरि विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है. इस सप्ताह में सबसे अधिक व्रत भगवान भोलेनाथ को समर्पित हैं. आइए जानते हैं कि ये व्रत और त्योहार कब और किस दिन हैं, ताकि आप समय पूर्व इनके लिए तैयारी कर सकें.
मई 2022 चौथे सप्ताह के व्रत और त्योहार
22 मई, रविवार: भानु सप्तमी व्रत, मासिक कालाष्टमी व्रत
भानु सप्तमी व्रत 2022: ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि रविवार को होने के कारण भानु सप्तमी व्रत 22 मई को है. इस दिन सूर्य देव की पूजा करते हैं और उनको जल अर्पित करते हैं. पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र कहते हैं कि भानु सप्तमी व्रत करने से रोग, दोष, दुख आदि दूर होते हैं और पिता एवं पुत्र के संबंध मधुर होते हैं. इस दिन व्रत रखने वाले लोग फलाहार में नमक का सेवन नहीं करते हैं.
कालाष्टमी व्रत 2022: ज्येष्ठ माह का कालाष्टमी व्रत भी 22 मई को है. इस दिन भगवान शिव के रुद्रावतार काल भैरव की पूजा करते हैं. इनकी पूजा करने से शत्रु, रोग, दोष, अकाल मृत्यु भय आदि सब दूर होते हैं. काल भैरव की कृपा से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है.
26 मई, गुरुवार: अपरा एकादशी
अपरा एकादशी 2022: ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी कहते हैं. अपरा एकादशी व्रत 26 मई दिन गुरुवार को रखा जाएगा. अपार धन और यश देने वाली अपरा एकादशी व्रत करने से प्रेत योनि से मुक्ति मिलती है और मोक्ष प्राप्त होता है. भगवान विष्णु की पूजा और अपरा एकादशी व्रत कथा का पाठ करना इस दिन अनिवार्य होता है.
27 मई, शुक्रवार: प्रदोष व्रत
प्रदोष व्रत 2022: मई माह का अंतिम प्रदोष व्रत या ज्येष्ठ माह का पहला प्रदोष व्रत 27 मई शुक्रवार को है. यह शुक्र प्रदोष व्रत है. इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन सुखमय होता है. शिव कृपा से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस दिन प्रदोष मुहूर्त में भगवान शिव की पूजा की जाती है. हर माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है.
28 मई, शनिवार: मासिक शिवरात्रि
मासिक शिवरात्रि 2022: ज्येष्ठ माह की मासिक शिवरात्रि 28 मई दिन शनिवार को है. इस दिन व्रत रखते हैं और भगवान शिव की पूजा करते हैं. भगवान शिव के आशीर्वाद से दुख, कष्ट, पाप आदि मिट जाते हैं. भक्तों का जीवन सुखमय और खुशहाल होता है.