ABC News: गोरखपुर के रामगढ़ताल के एक होटल में पुलिस की बर्बरता से बर्रा के रियल इस्टेट कारोबारी मनीष गुप्ता की मौत के मामले में परिजनों ने शव उठने नहीं दिया. यहां पर सपा कार्यकर्ता भी पहुंचे. पुलिस से उनकी झड़प भी हुई. हालात को देखते हुए मौके पर पुलिस कमिश्नर, एडीएम सिटी समेत अन्य अधिकारी पहुंचे.
बुधवार सुबह नौ बजे परिजन मनीष का शव लेकर घर पहुंचे थे. शव पहुंचने की जानकारी पर एसीपी गोविंद नगर सर्किल फोर्स के साथ घर पहुंचे. जहां शव उठवा कर अंतिम संस्कार के लिए भेजने को लेकर वार्ता हुई. परिजनों ने मांगें पूरी न होने तक शव न उठाने की बात कही. इस दौरान बवाल की आशंका के चलते कई थानों का फोर्स के साथ आरआरएफ भी तैनात रही. मनीष की पत्नी मीनाक्षी का कहना है कि आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई, 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद और सरकारी नौकरी की मांग जब तक पूरी नहीं होती शव को उठने नहीं देंगे. इस दौरान गोविंद नगर विधायक सुरेंद्र मैथानी मनीष के घर पहुंचे. पत्नी का कहना था कि सब झूठ बोलते हैं. भ्रामक प्रचार किया जा रहा है कि मेरी मुख्यमंत्री से फोन पर वार्ता हुई, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है. किसी ने मुझसे या फिर परिवार के किसी सदस्य से बातचीत की है.
इतना ही नहीं मेरा ट्विटर अकाउंट भी ब्लाक कर दिया गया है. इस पर विधायक ने एक बजे तक मुख्यमंत्री से वार्ता कराने का आश्वासन दिया. सुबह से विभिन्न राजनीतिक संगठन के लोगों का आना-जाना लगा रहा. पूर्व विधायक सतीश निगम, सम्राट विकास यादव, कांग्रेस से विकास अवस्थी, करिश्मा ठाकुर आदि लोगों ने पहुंचकर पीड़ित परिवार को ढांढ़स बंधाया. वहीं पुलिस कमिश्नर असीम अरुण बर्रा पहुंचे. पुलिस कमिश्नर ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर सांत्वना दी. पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने परिजनों से बंद कमरे में डीसीपी साउथ रवीना त्यागी, एडीएम सिटी के साथ वार्ता की पुलिस कमिश्नर ने मुख्यमंत्री से वार्ता कर गुरुवार को शहर आगमन पर मुलाकात कराने का समय दिलाया. जिसके बाद परिजन शव उठाने के लिए तैयार हुए.