ABC NEWS: इटावा के चंबल इलाके के बिठौली पुलिस थाने में तैनात यूपी पुलिस के एक सिपाही के अपनी लगन और मेंहनत के बल पर प्रोफेसर बनने का सफर तय कर लिया है. सिपाही से प्रोफेसर बनने की कहानी सुनने के बाद आला पुलिस अफसर भी बेहद खुश नजर आ रहे हैं. प्रोफेसर बनने वाला सिपाही इटावा जिले के चंबल इलाके के बिठौली थाने में तैनात था.
मूल रूप से एटा का रहने वाला सिपाही योगेश कुमार साल 2015 में पुलिस सेवा में आया था. उसके बाद से लगातार उसकी कोशिश शिक्षा जगत में आने की रही, लेकिन असल कामयाबी इस साल मिल सकी है. योगेश को अलीगढ के वार्ष्णेय महाविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर का पद मिला है. इस खबर के बाद वह एसएसपी जयप्रकाश सिंह से मिलकर पुलिस सेवा से इस्तीफा देने के लिए आया था, जहां पर एसएसपी ने मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार किया.
वाष्णेय महाविद्यालय में बने असिस्टेंट प्रोफेसर
योगेश को कमशीन से अलीगढ के वाष्णेय महाविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर का पद मिला है. सिपाही योगेश कुमार ने इटावा के एसएसपी से मिलकर पुलिस सेवा से त्याग पत्र देने के बाद अलीगढ में सहायक प्रोफेसर के पद को ज्वाइन भी कर लिया है. वहीं एसएसपी जयप्रकाश सिंह ने बताया कि अब पुलिस भर्ती में ऐसे युवा आ रहे हैं, जो ड्यूटी के साथ निरंतर कम्पटीशन की तैयारी करते रहते हैं. ऐसे युवा आरक्षियों को हम लोग बराबर सहयोग करते हैं और उनको ऐसे थानों में तैनाती दी जाती है, जहां उनपर अधिक वर्कलोड नहीं पड़ता है.
इटावा के बीहड़ी पुलिस थाना बिठौली में तैनात एटा के निधौली कलां के ग्राम रसीदपुर के योगेश कुमार वर्ष 2015 बैच में पुलिस विभाग में आरक्षी पद पर भर्ती हुए थे. इससे पहले उन्होंने वर्ष 2013 में आगरा कॉलेज से इतिहास विषय में परास्नातक पास किया था. शिक्षक बनने का ख्वाब देखने वाले योगेश ने वर्ष 2013 में नेट के परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी. उन्होंने 2015 जून में नेट परीक्षा भी उत्तीर्ण कर ली, लेकिन इसी बीच उत्तर प्रदेश पुलिस में आरक्षी पद की भर्ती निकल आई.
पुलिस में भर्ती के बाद भी नहीं रोकी मेहनत
मध्यम वर्गीय परिवार के योगेश के पिता खेतीबाड़ी करते हैं. ऐसे में उत्तर प्रदेश पुलिस में निकली आरक्षी पद की भर्ती में योगेश ने अपना हाथ आजमाया और योगेश की ज्वाइनिंग आरक्षी पद पर उत्तर प्रदेश पुलिस में हो गई. शिक्षक बनने का सपना देखने वाले योगेश ने पुलिस में भर्ती होने के बाद भी मेहनत नहीं रोकी और पुलिस की ड्यूटी के साथ ही वे अपनी पढ़ाई को निरंतर जारी रखते रहे.