ABC NEWS: कानपुर की नई सड़क पर हुए उपद्रव में फंडिंग व साजिश में आरोपित बिल्डर हाजी वसी की लखनऊ में मंगलवार को गिरफ्तारी से पहले पुलिस उसकी संपत्ति कुर्क करने की तैयारी कर रही थी. अब उसकी गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में उसकी कई बेनामी संपत्तियां भी सामने आ सकती हैं. पुलिस ने कुर्की की कार्रवाई अकेले वसी की ही नहीं बल्कि उन 19 आरोपितों की शुरू की है, जिनके खिलाफ पिछले दिनों एसआइटी (विशेष जांच दल) ने गैर जमानती वारंट लिया था.
तीन जून को राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शहर में मौजूदगी के दिन नई सड़क व दादा मियां का हाता में जुमा की नमाज के बाद उपद्रव हो गया था. गोलीबारी, पथराव व बमबाजी में कई लोग घायल हुए थे. पुलिस की जांच में उपद्रव में तीन प्रमुख नाम सामने आए थे. इसमें मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी को चार साथियों के साथ पुलिस ने पांच जून को लखनऊ से गिरफ्तार किया था. हयात से पूछताछ में पता चला था कि उपद्रव के पीछे नुपुर शर्मा की टिप्पणी के अलावा भी स्थानीय कारण भी थे. उपद्रव स्थल के पास बने चंद्रेश्वर हाता पर कब्जा करने के लिए वहां रहने वाले हिंदुओं में दहशत फैलाना भी एक वजह थी। क्योंकि हयात से जुड़े बिल्डर हाजी वसी और मुख्तार बाबा चंद्रेश्वर हाता हथियाना चाहते थे. बिल्डर हाजी वसी ने इसी तरह कई जमीनों पर इमारतें भी बनवा चुका था. वहीं मुख्तार बाबा भी कई जगह कब्जे करके बाबा बिरयानी रेस्टोरेंट की चेन तैयार कर रहा था. एसआइटी की जांच में हाजी वसी और मुख्तार बाबा का डी-2 गैंग से भी कनेक्शन सामने आया था.
मुख्तार बाबा और बिल्डर हाजी वसी दहशत की दम पर हाता खाली कराना चाहते थे. मुख्तार बाबा को पुलिस गिरफ्तार कर पहले ही जेल भेज चुकी है. वहीं मंगलवार को बिल्डर हाजी वसी को लखनऊ से गिरफ्तार करके पुलिस कानपुर लेकर आई और पूछताछ की. इसके पहले पुलिस वसी के बेटे अब्दुल रहमान को भी गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है. इसके बाद पुलिस ने वसी समेत 19 आरोपितों के खिलाफ गैर जमानती वारंट अदालत से हासिल किया था और कुर्की की तैयारी कर रही है. अब उसकी गिरफ्तारी के बाद उसकी बेनामी संपत्तियों के बारे में भी जानकारी सामने आ सकती है. डीसीपी पूर्वी प्रमोद कुमार ने बताया कि वसी व अन्य आरोपितों के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई के लिए तैयारी पहले ही शुरू की गई है.