ABC NEWS: कानपुर के कल्याणपुर के निजी अस्पताल के आइसीयू में भर्ती किशोरी की मौत होने पर स्वजन ने डाक्टर एवं कर्मचारियों पर छेड़खानी का आरोप लगाया है. विरोध करने पर किशोरी से मारपीट की। फिर डाक्टर ने गंभीर स्थिति बताते हुए एलएलआर अस्पताल (हैलट) रेफर कर दिया. स्वजन शव लेकर निजी अस्पताल पहुंचे और हंगामा करने लगे. पुलिस ने हकीकत जानने को शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा है. उधर, संचालक ने आरोपों को बेबुनियाद बताया है.
नर्सिंग होम के एसीएमओ व नोडल अफसर डा. सुबोध प्रकाश ने कहा कि किशोरी किडनी की समस्या से पीड़ित थी. उसे गंभीर स्थिति में भर्ती कराया गया था. छेड़खानी व मारपीट के आरोप प्रथम दृष्टया गलत लग रहे हैं. बुधवार को इस प्रकरण की जांच कराएंगे.
अंबेडकरपुरम निवासी राजमिस्त्री की 15 वर्षीय पुत्री को पेट दर्द होने पर स्वजन कल्याणपुर आवास विकास-एक स्थित सहारा अस्पताल में सोमवार शाम को लेकर पहुंचे. गंभीर स्थिति बताते हुए उसे आइसीयू में भर्ती कर लिया. स्वजन का आरोप है कि देर रात किशोरी के साथ छेड़छाड़ की गई. जब उसने विरोध किया तो मारपीट की गई, जिससे मुंह-नाक से खून निकल आया. उसकी मां मंगलवार सुबह जब आइसीयू में पहुंची तो किशोरी ने रोते हुए आपबीती सुनाई. इस बीच, किशोरी की हालत बिगड़ने पर अस्पताल प्रशासन ने एलएलआर अस्पताल रेफर कर दिया. जहां रास्ते में उसने दम तोड़ दिया.
रात भर बेटी से मिलने को तड़पी मां : किशोरी की मां के मुताबिक रातभर वह अस्पताल में रही. बेटी की रोने की आवाज सुनकर कई बार कर्मचारियों से उसके पास जाने का आग्रह किया. किसी ने बेटी से मिलने नहीं दिया.
पुलिस पर घर भेजने का लगाया आरोप : किशोरी की मौत के बाद शव लेकर स्वजन अस्पताल पहुंच गए. अस्पताल के बाहर हंगामा करने लगे. स्वजन का आरोप है कि चौकी पुलिस ने संचालक के खिलाफ कार्रवाई के बजाये आश्वासन देकर घर भेज दिया.
संचालक से मिलकर लौटी पुलिस : किशोरी के बड़े भाई मोहित का आरोप है कि पुलिस मामले की जानकारी लेने के बाद अस्पताल संचालक से मिलने अंदर चली गई। उनका आरोप है कि जब उन्होंने घटना के बारे में पुलिस से पूछा तो बताया गया कि कुछ नहीं हुआ है. सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में ऐसी कोई घटना नहीं दिख रही है.
आरोप बेबुनियाद, बिल भी नहीं लिया : अस्पताल संचालक निखिल ने बताया कि किशोरी को गंभीर स्थिति में स्वजन लेकर आए थे। उसे तेज बुखार था और पेशाब नहीं हो रही थी. उसके पेट में सूजन थी। स्वजन को किशोरी की स्थिति से अवगत कराने के बाद ही भर्ती किया था. रात में आइसीयू में डा. प्रदीप ने देखने के बाद गंभीर स्थिति से स्वजन को अवगत करा दिया था. सुबह आठ बजे डाक्टर ने फिर से देखा और स्थिति में सुधार न होने पर एलएलआर अस्पताल रेफर कर दिया. स्वजन पहले शव घर ले गए। बाद में यहां शव लाकर हंगामा करने लगे. आरोप निराधार हैं, बिल भी नहीं लिया है.
सीसीटीवी फुटेज में कुछ नहीं : पनकी रोड चौकी इंचार्ज उदय प्रताप सिंह का कहना है कि हंगामा के सूचना पर गए थे. पता चला है कि किशोरी को कई दिन से बुखार आ रहा था. स्वजन पहले उसे वेदांता हास्पिटल लेकर गए थे. वहां इलाज से इन्कार पर यहां सोमवार को आठ बजे भर्ती कराया. आइसीयू का सीसीटीवी फुटेज देखा है, किशोरी से किसी प्रकार की कोई छेड़खानी व मारपीट नहीं हुई है. उसके इलाज की रिपोर्ट देखी है. हीमोग्लोबिन कम था, प्लेटलेट्स 20 हजार थीं. उसे पीलिया व लिवर में दिक्कत थी. फिलहाल, शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा है. उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.