ABC NEWS: कर्नाटक में मुस्लिम लड़कियों-महिलाओं (Muslim Women) के हिजाब (Hijab) पहनकर स्कूल आने पर विवाद हो रहा है. इस बीच तालिबान (Taliban) ने भी इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है. तालिबान का कहना है कि अफगानिस्तान (Taliban Rule in Afghanistan) में महिलाओं को पर्दे में रहना होगा. तालिबान के प्रवक्ता ने कहा है कि देश में सिर्फ हिजाब पहनने वाली महिलाओं को ही शिक्षा और रोजगार का अधिकार मिलेगा. तालिबान ने अमेरिका को भी साफ कहा है कि वह उनके देश की संस्कृति को बदलने की कोशिश न करें.
संस्कृति’ में माना जाएगा हस्तक्षेप
तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने एक अमेरिकी न्यूज चैनल से कहा है कि महिलाओं के अधिकार को लेकर अमेरिका अपना नजरिया अफगानिस्तान पर न थोपे. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका ऐसा करता है, तो इसे उनकी संस्कृति में हस्तक्षेप माना जाएगा. सुहैल शाहीन का कहना है कि हिजाब के बिना महिलाओं की शिक्षा का विचार पश्चिमी है. यह अफगानिस्तान की संस्कृति के अनुकूल नहीं है. तालिबान कतई इसके पक्ष में नहीं है.
पर्दे में रहकर काम और शिक्षा से कोई समस्या नहीं
तालिबानी प्रवक्ता ने कहा कि अगर अफगानिस्तान में महिलाएं हिजाब में रहेंगी, तो महिलाओं के अधिकार को लेकर कोई मुद्दा नहीं होगा. उनका कहना है कि यहां महिलाएं हिजाब में रहकर काम कर सकती हैं. शिक्षा भी ले सकती हैं.
बुर्का नहीं पहनी लड़कियों को रोका गया
Rena University checkpoint in Kabul did not allow women students who did not wear niqabs and burqas to enter the university.#Afghanistan pic.twitter.com/udfx2fnfOG
— Nilofar Moradi (@Nilofar_Moradi1) February 6, 2022
इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें हिजाब न पहनी लड़कियों को यूनिवर्सिटी के गेट पर रोक दिया जा रहा है और वापस लौटाया जा रहा है. ये वीडियो काबुल के राणा यूनिवर्सिटी का है. वीडियो में देखा जा सकता है कि जिन लड़कियों ने बुर्का या हिजाब नहीं पहना, उन्हें गेट पर ही रोक दिया जा रहा है.
बता दें कि अफगानिस्तान में 15 अगस्त 2021 को तालिबान का शासन आने के बाद से संगठन ने 1990 के दशक के नियमों को नहीं अपनाया है. लड़कियों की पढ़ाई पर पाबंदी तो नहीं लगाई गई है, लेकिन पर्दे-बुर्के के नियमों को सख्त कर दिया गया है. तालिबान के शासन की पहली अवधि 1996 और 2001 के बीच लड़कियों को शिक्षा हासिल करने से रोक दिया गया था.
229 प्रोफेसरों ने छोड़ा देश
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले अगस्त में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से देश के तीन प्रमुख विश्वविद्यालयों काबुल, हेरात और बल्ख के 229 प्रोफेसरों ने देश छोड़ दिया है.