ABC News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 80:20 के फॉर्मूले के बाद अब स्वामी प्रसाद मौर्य ने नई रणनीति बनाई है. उन्होंने सीएम योगी के फॉर्मूले के जवाब में अब 85:15 का नया फॉर्मूला दिया है. विधानसभा चुनावों के दौरान दोनों नेताओं की कही हुई बातें यूपी की सियासत की हकीकत बयां करती हैं. योगी आदित्यनाथ के 80:20 के फॉर्मूले को सांप्रदायिक गणित से जोड़कर देखा गया था, तो अब स्वामी प्रसाद मौर्या के 85:15 के फार्मूले को जातीय गणित से जोड़कर देखा जा रहा है.
सीधा मतलब यह निकाला जा सकता है कि भाजपा के सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के सामने मौर्य ने जातिगत ध्रुवीकरण का पासा फेंका है. 85 फीसदी को पूरा करने के लिए ही स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि समाजवादियों के साथ अब अम्बेडकरवादी भी आ गए हैं.जानकारों की मानें तो योगी आदित्यनाथ ने यूपी चुनाव में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की बात इस आंकड़े के जरिए जाहिर की थी. सभी जानते हैं कि यूपी में मुस्लिम आबादी 20 फ़ीसदी के लगभग मानी जाती है. योगी आदित्यनाथ इसी ओर इशारा कर रहे थे. उनके कहने का मतलब यह था कि इस चुनाव में 80 फ़ीसदी हिंदू भाजपा के साथ हैं, जबकि 20 फ़ीसदी मुस्लिम भाजपा के खिलाफ हैं. अब समाजवादी पार्टी ज्वाइन करने के बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि यह लड़ाई 80:20 की नहीं, बल्कि 85:15 की है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा के सांप्रदायिक फॉर्मूले की तोड़ के लिए जातिगत फॉर्मूले का हथियार चलाया है. इसके जरिए उन्होंने बताने की कोशिश की है कि भाजपा का असल वोट बैंक सिर्फ सवर्णों का है. उत्तर प्रदेश में सवर्णों की आबादी लगभग 15 फ़ीसदी मानी जाती है. वहीं, प्रदेश में दलितों, पिछड़ों और मुस्लिमों की आबादी सवर्णों के 15 फ़ीसदी के मुकाबले 85 फ़ीसदी है. इसीलिए उन्होंने 85:15 का फॉर्मूला दिया है. वैसे तो जातिगत आबादी का ठोस आंकड़ा नहीं है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि प्रदेश में 43 फ़ीसदी के लगभग पिछड़े, 21 फ़ीसदी के लगभग दलित और 19 फ़ीसदी के लगभग मुस्लिम हैं. 0.6 फ़ीसदी अनुसूचित जनजातियों की आबादी है. दलितों, पिछड़ों, मुस्लिमों और आदिवासियों की ये आबादी यूपी की कुल आबादी के लगभग 85 फ़ीसदी ठहरती है. स्वामी प्रसाद मौर्या का दावा है कि यह सभी 85 फ़ीसदी आबादी भाजपा के खिलाफ खड़ी है.