ABC NEWS: सुप्रीम कोर्ट ने 1 अप्रैल से जारी होने वाले चुनावी बॉन्ड्स (Electoral Bonds) पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि यह योजना साल 2018 में लागू हुई है और फिलहाल चल रही है. साथ ही इसकी सुरक्षा के लिए भी सारे उपाय किये गये है. मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग ने कहा कि वह चुनावी बॉन्ड योजना का समर्थन करते हैं क्योंकि अगर ऐसा नहीं होगा तो राजनीतिक दलों को चंदा कैश में मिलेगा. हालांकि आयोग ने कहा कि वह इस प्रक्रिया में पारदर्शिता चाहता है.
सुप्रीम कोर्ट में एडीआर की ओर से दाखिल याचिका पर वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि चुनावी बॉन्ड्स सत्ताधारी दल को चंदे के नाम पर घूस देकर काम कराने का रास्ता बन गया है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमेशा यह घूस सिर्फ सत्ताधारी दल को ही नहीं मिलता बल्कि उसको भी मिलता है जिसके अगली बार सरकार में आने के आसार ज्यादा रहते हैं.
भूषण ने कहा कि आरबीआई ने भी इस पर आपत्ति जाहिर की है. आरबीआई का कहना है कि यह बॉन्ड्स एक आर्थिक घोटाले का औजार या रास्ता है
