ABC News: बलरामपुर में तीन दिन के अंदर सांप ने तीन भाइयों को डंस लिया. इनमें दो सगे भाइयों की मौत हो गई और ममेरे भाई की हालत गंभीर बनी हुई है. पहले बड़े भाई की सांप के डंसने से मौत हुई. उसकी चिता की आग ठंडी भी नहीं हुई थी कि छोटे भाई की सर्पदंश से मौत हो गई. सांप ने बरामदे में सो रहे ममेरे भाई को भी डंस लिया है. उसकी भी हालत गंभीर बनी हुई है. घटना ललिया थाना क्षेत्र के भवानियापुर गांव में हुई है.
सांप ने सबसे पहले सोमवार की रात बड़े भाई अरविंद मिश्रा को निशाना बनाया. मंगलवार को इलाज के दौरान बहराइच जिला अस्पताल में उनकी मौत हो गई. भाई की अंत्येष्टि के बाद थके 25 वर्षीय छोटे भाई गोविंद मिश्रा बुधवार रात नौ बजे भोजन के बाद सो गए थे. बगल में उनकी पत्नी भी सोई थी. बरामदे में गोविंद का ममेरा भाई सिकंदरबोझी निवासी 22 वर्षीय चंद्रशेखर भी सो रहा था. गोविंद व उनके ममेरे भाई चंद्रशेखर दोनों को सोते समय सांप ने डस लिया लेकिन थककर सोने के कारण उस समय जानकारी नहीं हो पाई. रात एक बजे दोनों की हालत बिगड़ गई. दोनों के पेट में दर्द होने लगा. उनकी आंखों से धुंधला दिख रहा था. गोविंद व चंद्रशेखर को श्रावस्ती के लक्ष्मणपुर बाजार स्थित एक प्राइवेट चिकित्सालय में भर्ती कराया गया. बाद में गोविंद को सिरसिया स्थित जिला अस्पताल ले जाया गया.
हालत गंभीर होने पर चिकित्सक ने उन्हें बहराइच रेफर कर दिया. सुबह 10 बजते-बजते गोविंद की मौत हो गई. लक्ष्मणपुर प्राइवेट चिकित्सालय में भर्ती चंद्रशेखर की हालत न सुधरने पर चिकित्सक ने उन्हें भी बहराइच जिला अस्पताल भेज दिया है. शिवपुरा सीएचसी के अधीक्षक डॉ. प्रणव पांडेय ने बताया कि गोविंद को करैत सांप ने डंसा है. उनके पैर की उंगली में सर्पदंश के निशान मिले हैं. मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सुशील कुमार, एसीएमओ डॉ. एके सिंघल, थाना ललिया के प्रभारी निरीक्षक संतोष कुमार तिवारी आदि ने घटनास्थल का जायजा लिया है. तीन दिनों के बीच दो जवान बेटों को गवां चुकी बूढ़ी मां व पिता का रो-रोकर बुरा हाल है. गोविंद व अरविंद की पत्नियां रो-रोकर बेहाल हैं. सीएमओ डा. सुशील कुमार पहुंचे तो बूढ़ी मां उनसे लिपटकर रोने लगी. ललिया थाना की पुलिस टीम सभी का हौसला बढ़ाती दिखी. पिता साधूराम की माली हालत ठीक नहीं है. तय हुआ कि पोस्टमार्टम कराकर उन्हें सरकार की ओर से मदद दिलाई जाए. चिकित्साधीक्षक डा. प्रणव पाण्डेय ने बताया कि तराई में सांप की जहरीली प्रजातियां मौजूद हैं. यहां सांपों की बहुलता है. वर्षाकाल होने के कारण सांप अपनी सुरक्षा के लिए लोगों के घरों में शरण लेते हैं. करैत प्रजाति का सांप दीवार पर चढ़ने का आदी होता है. वह चारपाई पर भी चढ़ जाता है. सो रहे व्यक्ति की जरा सी हरकत पर डंसने से नहीं चूकता. मच्छरदानी लगाकर सोने से ही सुरक्षा मिल सकती है. ग्रामीणों को चाहिए कि वे मच्छरदानी का प्रयोग जरूर करें. उन्होंने बताया कि सीएचसी पर एंटी स्नेक इंजेक्शन उपलब्ध है. आक्सीजन की भी उपलब्धता है. सांप के डसने पर झाड़फूंक के बजाए अस्पताल लाने पर मरीज की जान बच जाती है.